मुख्यपृष्ठटॉप समाचारयोगी का काउंटडाउन शुरू!..समीक्षा तो बहाना है, योगी को निपटाना है

योगी का काउंटडाउन शुरू!..समीक्षा तो बहाना है, योगी को निपटाना है

-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी जताई नाराजगी

-बालियान और सोम में जुबानी जंग

– स्मृति ईरानी की ईर्ष्या जगजाहिर

सामना संवाददाता / मुंबई

हाल के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में भाजपा की करारी हार के कारणों की समीक्षा का दौर शुरू है। अलग-अलग क्षेत्रों के हारे हुए प्रत्याशियों को लखनऊ बुलाकर कारणों की पड़ताल की जा रही है, लेकिन वास्तविकता यह है कि इस समीक्षा के बहाने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निपटाना है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा प्रत्याशियों की करारी हार को लेकर प्रदेश संगठन ने क्षेत्रवार समीक्षा शुरू की है। उत्तर प्रदेश में सभी ८० सीटें जीतने का दंभ भरनेवाली भाजपा महज ३३ सीटों पर सिमट गई। दूसरी ओर पिछले चुनाव की २१ सीटें भी हार गई, उनमें मौजूदा २६ सांसद भी शामिल हैं। हालांकि, चुनाव परिणाम आने के बाद हारे हुए उम्मीदवारों ने प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व से अपने ही लोगों द्वारा भितरघात करने की शिकायत की थी।
उधर योगी आदित्यनाथ और स्मृति ईरानी के बीच का टशन तो जगजाहिर है। कुछ समय पहले स्मृति ने योगी को निशाना बनाया था। दोनों के बीच जुबानी जंग भी हुई थी, इसे योगी को हटाने से जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जाता है कि स्मृति ईरानी पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का हाथ होने की वजह से ही उन्होंने योगी को निशाना बनाया था।

दिल्ली के नेताओं की आंख की बने है किरकिरी
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बढ़ती लोकप्रियता दिल्ली दरबार हजम नहीं कर पा रहा है। काफी पहले से दिल्ली के नेताओं की आंख की किरकिरी योगी बने हुए हैं। दिल्ली के नेताओं का शीर्ष धड़ा उपमुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य को मुख्यमंत्री बनाना चाहता है, इसी के लिए सारी कवायद की जा रही है। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में हुई भाजपा प्रत्याशियों की करारी हार का अच्छा बहाना मिल गया है। इससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हटाने में आसानी होगी। सूत्रों का कहना है कि समीक्षा तो मात्र बहाना है, हार का ठिकरा योगी पर फोड़ते हुए उन्हें हटाना है।

आंतरिक कलह जिम्मेदार
एक तरफ जहां भाजपा उत्तर प्रदेश में अपने लोकसभा चुनाव प्रदर्शन की समीक्षा करने में जुटी है, वहीं कई नेताओं ने पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए आंतरिक कलह को जिम्मेदार ठहराया है। दूसरी ओर पश्चिम यूपी के दो प्रमुख भाजपा नेता सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और मुजफ्फरनगर से दो बार के सांसद संजीव बालियान ने पार्टी के पूर्व सरधना विधायक संगीत सिंह सोम पर समाजवादी पार्टी का समर्थन करके उन्हें चुनाव हराने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान इस बार लोकसभा चुनाव में अपनी जीत का कीर्तिमान लगाने में नाकाम साबित हुए। गत लोकसभा चुनाव में संजीव बालियान ने रालोद प्रमुख चौधरी अजीत सिंह को शिकस्त दी थी। लेकिन इस बार बालियान को समाजवादी पार्टी के हरेंद्र मलिक से हार का सामना करना पड़ा। केंद्रीय मंत्रिमंडल का गठन होने के बाद बालियान का गुबार फूट पड़ा। एक पत्रकार वार्ता में उन्होंने संगीत सोम का नाम लिए बिना जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान कुछ लोग जयचंद, विभीषण और शिखंडी बन गए थे। उन्होंने मुझे हराने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
खुद सपा समर्थक रहे हैं बालियान – संगीत
संजीव द्वारा उन पर सपा का समर्थन करने का आरोप लगाने के बारे में पूछे जाने पर संगीत सोम ने कहा, बालियान खुद सपा समर्थक रहे हैं। सोम ने दावा किया कि इस क्षेत्र में भाजपा और सपा को लगभग बराबर वोट मिले। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, सरधना में बीजेपी ४५ वोटों से हार गई। शेष विधानसभा क्षेत्रों में से भाजपा ने मुजफ्फरनगर और खतौली में जीत हासिल की, जबकि सपा ने बुढ़ाना और चरथावल में जीत हासिल की।

 

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