मुख्यपृष्ठनए समाचारगोधरा नहीं गांधीनगर से जुड़े हैं नीट की साजिश के तार!

गोधरा नहीं गांधीनगर से जुड़े हैं नीट की साजिश के तार!

– २.३० करोड़ के लेनदेन का खुलासा

-०५ आरोपी अब तक किए गए गिरफ्तार

-मुख्य आरोपी की जमानत अर्जी खारिज

सामना संवाददाता / नई दिल्ली

नीट परीक्षा में धांधली के मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में अब एक नया खुलासा हुआ है। बताया जाता है कि नीट परीक्षा में गड़बड़ी के तार गोधरा से नहीं बल्कि गांधीनगर से जुड़े हैं। हालांकि, गुजरात पुलिस की छापेमारी में ५ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की जांच में पता चला कि परीक्षा के लिए गोधरा में खास सेंटर चुना गया था। सेंटर चुनने के लिए १०-१० लाख रुपए की रिश्वत ली गई थी। आरोपियों से कुल २.३० करोड़ रुपए के लेन-देन का भी पता चला है। गोधरा की पंचमहल पुलिस ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। आरोपियों से मोबाइल-इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त की गई हैं।
एसपी पंचमहल हिमांशु सोलंकी ने बताया कि रॉय ओवरसीज के मालिक परसुराम रॉय ने बच्चों को मेडिकल में एडमिशन दिलाने के लिए चेक और पैसे लिए थे।

कुछ पेरेंट्स की जांच में पता चला कि चेक के जरिए २.३० करोड़ रुपए का वित्तीय लेनदेन परशुराम रॉय से किया गया था। जिन छात्रों की सूची मिली, उनसे पूछताछ के दौरान वित्तीय लेनदेन किए जाने की जानकारी सामने आई। इसके बाद आरोपियों के मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त कर एफएसएल को भेज दिए गए हैं।
उन्होंने अंदेशा जताया कि छात्रों की जो सूची मिली है, उन सभी से पैसे लेकर छात्रों को नीट परीक्षा में पास कराने की साजिश रची गई थी। इस मामले में मुख्य आरोपी तुषार भट्ट की रेग्युलर जमानत अर्जी गोधरा सेशन कोर्ट ने रद्द कर दी है। फिलहाल सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। एनटीए से जानकारी प्राप्त करने के लिए एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया है। इस मामले में छात्रों और पैरेंट्स के भी बयान लिए जा रहे हैं।
जय जलाराम स्कूल में सेंटर की साजिश
गोधरा के ‘जय जलाराम स्कूल’ में अपना सेंटर डलवाने के लिए कई पैरंट्स ने आरोपियों को १०- १० लाख रुपए की रिश्वत दी थी। जब आरोपियों को पकड़ा गया तो उनसे चेक बरामद हुए, जिन पर पैरेंट्स के फोन नंबर लिखे हुए थे। उनसे पता चला कि आरोपियों के पास २.३० करोड़ रुपए का लेन- देन हुआ है। इसके बाद आरोपियों के इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स जब्त कर लिए गए। फिलहाल पुलिस इस मामले की तह तक जाने में जुटी है।
हर बच्चे के लिए १० लाख रुपए
परशुराम ने इन बच्चों को बताया था कि उन्हें जिस प्रश्न का उत्तर नहीं आता हो उसे छोड़ दें। इसे परीक्षा खत्म होने के बाद तुषार भट्ट भरने वाला था। हर छात्र को पास करवाने के लिए १० लाख रुपए तय हुए थे। इस हिसाब से काम पूरा होने पर आरोपी शिक्षक को २६ करोड़ रुपये मिलने वाले थे। पूरे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने गोधरा तालुका पुलिस स्टेशन में तीन आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। जय जलाराम स्कूल गोधरा के शिक्षक तुषार भट्ट, वडोदरा के रॉय ओवरसीज नामक कंपनी के मालिक परसुराम रॉय और गोधरा के आरिफ वाहोरा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है।
२६ बच्चों की सीट भरने का काम
मामले के मुख्य आरोपी वडोदरा में कोचिंग सेंटर चलने वाला परशुराम रॉय है, जो गोधरा में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के के आरिफ वाहोरा के जरिए पूरे गिरोह को ऑपरेट करता था। परशुराम ने आरिफ के जरिए गोधरा के जय जलाराम स्कूल के टीचर तुषार भट्ट को २६ परीक्षार्थियों की डिटेल भेजी थी। इनमें से ६ अभ्यर्थी गोधारा के जय जलाराम स्कूल के एक सेंटर में और बाकी के २० बच्चे जय जलाराम स्कूल के दूसरे सेंटर में परीक्षा दे रहे थे।

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