रास्ता

अभी भी रास्ता है, जो कि होता है
हर दुर्घटना के बाद, किसी न किसी रूप में।
इसे जानो-पहचानो, पढ़ो आगे बढ़ो
सुख मिलेगा, आराम मिलेगा नए रास्ते पर।
शायद शुकून भी पहले से बेहतर
भरपूर विलक्षण अद्वितीय प्रशंसनीय भी ।।

हम

अब तो तुम्हीं को जगाने चले हम।
सदा सत्य तुमको बताने चले हम।
देखो गुलामी चली आ रही है।
यह बात तुमको बताने चले हम।।
कंपनी राज फिर लौट आया यहां पर।
इसी पर नजर अब गड़ाने चले हम।।
उठो उठ के देखो समय की नजाकत।
बैठे हो तुमको उठाने चले हम।।
समझ-बूझकर दौड़ना है जरूरी।
क्या हो रहा यह बताने चले हम।।
आधार डूबा हुआ दिख रहा है।
कैसे हुआ यह बताने चले हम।।
अब एकता के लिए कुछ करें हम।
यही कह के तुमको जगाने चले हम।
प्रतिरोध करना जरूरी समझकर।
तुम्हें क्रांति की ओर लाने चले हम।।
रोको भयानक हवा और मौसम।
अब तो यही गीत गाने चले हम।।
आजाद होना हमें है जरूरी।
यही भावना फिर जगाने चले हम।।
कविता गजल गीत गाओ सम्हलकर।
संकेत में अब सुनाने चले हम।।
मौसम को देखो जमाने को समझो।
अब तो यही फुसफुसाने चले हम।।
इधर आ के देखो समय कह रहा है।
बड़ा जोर देकर बताने चले हम।।
मंजिल को देखो सदा ध्यान रक्खो।
सफर में न रुकना बताने चले हम।।
ताकत तुम्हीं हो बहादुर तुम्हीं हो।
किस्सा वही फिर सुनाने चले हम।।
इतिहास देखो कदमताल छोड़ो।
आगे बढ़ो यह बताने चले हम।।
वतन के लिए आज सोचो विचारो।
यही मंत्र दिल में जगाने चले हम।।
-अन्वेषी

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