-२० फीसदी भी काम नहीं हुआ पूरा
सामना संवाददाता / मुंबई
मनपा ने मुंबई में ३९७ किमी पक्की कंक्रीट की सड़कें बनाने के लिए पिछले साल शुरुआत में ही टेंडर दिया था, लेकिन उनमें से एक भी सड़क का काम अब तक पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में मानसून में सड़कों पर गड्ढे बढ़ने का खतरा बढ़ गया है, जिसे भांपते हुए मनपा ने बजट में वृद्धि करते हुए इस साल २७५ करोड़ रुपए खर्च करने का बजट निर्धारित किया है। संभवत: अक्टूबर तक यह राशि ४२५ करोड़ से अधिक होने की संभावना जताई जा रही है क्योंकि पिछले वर्ष पहले २२५ करोड़ का बजट तय था, जो बाद में बढ़कर ४०० करोड़ तक पहुंच गया था।
सातों जोन में दो ठेकेदार हुुए नियुक्त
मनपा ने डेढ़ साल पहले ३९७ किमी सड़कों के कांक्रीटीकरण की योजना शुरू की थी, लेकिन अब तक मात्र २० प्रतिशत भी काम पूरा नहीं हुआ है। मनपा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ९ मीटर चौड़ी तक की सड़कों में आए गड्ढों को पाटने का काम २४ वॉर्डों के पास हैं, जबकि ९ मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों को पाटने का काम केंद्रीय वॉर्ड के पास है। मनपा ने सातों जोन में से प्रत्येक में दो ठेकेदारों को नियुक्त किया है, जिन्हें प्रति वॉर्ड ८ से १२ करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। आवंटित राशि वॉर्ड के आकार पर भी निर्भर करती है, ताकि प्रमुख सड़कों पर गड्ढों को ठीक किया जा सके। इसके अलावा वार्डों को छोटे मार्गों पर गड्ढों को ठीक करने के लिए १ से २ करोड़ रुपए दिए जाते हैं।
सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार
बता दें कि मुंबई में सड़कों की लंबाई २,०५० किलोमीटर है। इसमें से ९९० किलोमीटर सड़क को साल २०२२ में ही मनपा ने पक्का कर दिया था। बाद में फिर शिंदे सरकार ने फरवरी २०२३ में ३९७ किलोमीटर और सड़क को पक्का करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। लेकिन इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टचार होने का आरोप है। पहले इतनी लंबी सड़क के निर्माण के लिए ५ हजार करोड़ का बजट था, जबकि बाद में इसके खर्च में वृद्धि कर लागत में १८ प्रतिशत जीएसटी को जोडकर यह साढ़े ६ हजार करोड़ के लगभग पहुंच गया।
४० हजार गड्ढों को पाटने का लक्ष्य
मनपा गड्ढों को पाटने के लिए हर साल २ सौ से ३ सौ करोड़ रुपए खर्च करती है। इस वर्ष भी ४० हजार गड्ढों को पाटने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि पिछले साल मनपा ने कुल ४०० करोड़ रुपए में करीब ७० हजार गड्ढे पाटे थे। ऐसा दावा मनपा ने किया है।