बनाई गई थी फर्जी कंपनी
लड़कियों को ही किया जाता था भर्ती
सामना संवाददाता / पटना
नौकरी का झांसा देकर लड़कियों की अस्मत लूटने की कई घटनाएं सामने आई हैं। मगर बिहार के मुजफ्फरपुर की घटना दिल झकझोर देने वाली है। यहां जॉब दिलाने के नाम पर एक-दो नहीं करीब २०० लड़कियों के साथ न केवल यौन शोषण किया गया, बल्कि उन्हें बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट भी की जाती थी। यही नहीं गर्भवती होने लड़कियों का गर्भपात भी करा दिया जाता था। मामला सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासन हिल गया है, जिसके बाद जांच शुरू कर दी गई है।
एक पीड़िता ने दर्ज कराई शिकायत
इस पूरे मामले को लेकर छपरा की रहनेवाली एक पीड़िता ने अहियापुर थाने में मामला दर्ज करवाया है। पीड़िता के अनुसार, फेसबुक पर महिलाओं के लिए जॉब ऑफर के पोस्ट की मदद से डीवीआर ऑर्गेनाइजेशन से जुड़ी, जहां पर कई सारी लड़कियां थीं। लगभग ३ महीने बाद भी जब सैलरी नहीं मिली तो उसने संस्था के सीएमडी तिलक सिंह के सामने अपनी बात रखी। तब उसे बताया गया कि अगर वो ५० और लड़कियों को इससे जोड़ती है तो इससे उसकी सैलरी ५०,००० कर दी जाएगी।
तैनात किए जाते थे बाउंसर्स
पीड़िता ने कंपनी के फर्जीवाड़े को समझते ही सबसे पहले मामला दर्ज कराया। पीड़िता के मुताबिक, यहां लड़कियों को बंधक बनाकर रखा जाता है। कोई लड़की न भाग पाए इसके लिए बाउंसर्स तैनात किए जाते थे। पीड़िता का आरोप है कि फर्जी संस्था को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने के बाद तिलक सिंह ने उसका किडनैप कराया और न्यायालय में जाने से रोकने की कोशिश की। इस क्रम में दहशत बनाने के लिए उसके भाई को पटना बुला कर हत्या कर देने की धमकी भी दी।
जबरन शादी कर बनाए संबंध
पीड़िता के अनुसार, इस बीच उसे पता चला कि अहियापुर स्थित संस्था के ऑफिस और हॉस्टल पर पुलिस की छापेमारी हुई, जहां से कई सारी लड़कियों को पुलिस ने छुड़ाया। इस छापेमारी का पता चलते ही कंपनी के सीएमडी ने उसे और बाकी लोगों को हाजीपुर शिफ्ट करवा दिया। जहां पीड़िता के साथ सीएमडी ने जबरदस्ती शादी कर शारीरिक संबंध बनाए। थोड़े समय बाद जब वह प्रेग्नेंट हो गई तो उसका अबॉर्शन करा दिया गया। इसके अलावा पीड़िता जब अपने घर जाने की जिद करती तो उसे मारा-पीटा जाता था।