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१० साल में मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि … देश के सिर्फ १०% शहरों में ही उपलब्ध है पीने का स्वच्छ पानी!

केंद्र के नेशनल लेवल टेप वॉटर सर्वे का खुलासा
‘हर घर जल’ की सच्चाई आई सामने
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
मोदी सरकार ने अपने १० वर्षों के शासन में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इतने लंबे शासन के बाद भी देश के सिर्फ १० फीसदी शहरों में ही पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध है। ऐसा कोई दूसरा नहीं बल्कि खुद केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट का कहना है।
बता दें कि राजधानी दिल्ली जैसे बड़े शहर में भी इन दिनों पानी की किल्लत पूरे देश का ध्यान आकृष्ट किया है। है। खासकर पीने के साफ पानी की बहुत कमी है। ऊपर से गर्मी भी चरम पर है, कहीं-कहीं तो तापमान ५० डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। दिल्ली ही नहीं, बंगलुरु जैसे कई बड़े और छोटे शहरों में भी पानी की किल्लत है।
हालांकि, केरल और देश के कुछ इलाकों में मानसून जल्दी आ गया है, लेकिन बारिश के पानी को इकट्ठा करने की सही व्यवस्था न होने की वजह से देशभर के करोड़ों लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। अनुमान के मुताबिक करीब ६.३ करोड़ लोगों तक को साफ पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसी स्थिति में डायरिया, हैजा और टाइफाइड जैसी बीमारियां फैलने का खतरा ज्यादा रहता है। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से कराए गए पहले नेशनल लेवल टेप वॉटर सर्वे में ये चौंकाने वाली बात सामने आई है कि ४८५ शहरों में से सिर्फ १० फीसदी ही शहरों में लोगों को साफ पीने का पानी मिल पाता है।
नल के पानी की क्वालिटी खराब
देश के कई लोगों ने घरों में मिलने वाले नल के पानी की क्वालिटी के बारे में शिकायत की थी। इन शिकायतों को ध्यान में रखते हुए लोकल सर्किल ने एक नया सर्वे किया है। इस सर्वे का मकसद ये पता लगाना था कि पिछले एक साल में घरों में मिलने वाले नल के पानी की उपलब्धता और क्वालिटी में कोई सुधार हुआ है या नहीं। सर्वे में देश के ३२२ से ज्यादा जिलों के २२,००० से ज्यादा घरों ने हिस्सा लिया।

२० फीसदी लोग पानी उबालते हैं
सर्वे में लोगों से पूछा गया कि वो घर पर पीने और खाना बनाने के लिए पानी को कैसे साफ करते हैं? २२ हजार से ज्यादा लोगों ने इस सवाल का जवाब दिया। इनमें से २७ फीसदी लोगों ने बताया कि वो वॉटर प्योरिफायर इस्तेमाल करते हैं। ३३ फीसदी लोगों ने बताया कि रिवर्स ऑस्मोसिस सिस्टम इस्तेमाल करते हैं। २० फीसदी लोग पानी को उबालकर साफ करते हैं।

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