गजेंद्र भंडारी
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उन्होंने इसकी तस्वीरें अपने एक्स अकाउंट पर भी शेयर की हैं। पीएम के अलावा उन्होंने कई केंद्रीय मंत्रियों से भी मुलाकात की है। दरअसल, मुख्यमंत्री ने राजस्थान की ११ लोकसभा सीटों पर हुई हार को लेकर भी भाजपा की समीक्षा रिपोर्ट प्रधानमंत्री मोदी को सौंपी है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर शर्मा ने किस के सिर पर हार का ठीकरा फोड़ा होगा? हाल में राजस्थान में बीजेपी के नुकसान की समीक्षा के लिए बड़े नेताओं की बैठक हुई थी। इसमें नेता एक-दूसरे पर हार की जिम्मेदारी डालते नजर आए। वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक भी बीजेपी पर हमलावर बना हुआ है। संघ ने बीजेपी को नुकसान के लिए उसके घमंड को वजह बताया है। ऐसे में बार-बार यही सवाल बनता है कि भजनलाल शर्मा ने रिपोर्ट में किसका नाम लिया होगा। हालांकि, खुद शर्मा भी अपने विधानसभा क्षेत्र में उम्मीदवार को नहीं जिता पाए हैं। वहीं, बीजेपी के वे सभी बड़े नेता भी फेल हो गए, जो राजस्थान में २५ की २५ सीटें जीतने का दावा कर रहे थे। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में कई चुनावी सभाएं की थीं और विवादित बयान भी दिए थे, बावजूद इसके बीजेपी को उत्तर प्रदेश के बाद बड़ा नुकसान राजस्थान में ही हुआ है। अब देखना होगा कि प्रधानमंत्री इस बारे में आखिर क्या फैसला लेते हैं।
फिर पलटी मारेंगे राजेंद्र गुढ़ा!
अपने बयानों के कारण हमेशा सुर्खियों में रहनेवाले राजेंद्र गुढ़ा एक बार फिर से चर्चा में हैं। खबर है कि उदयपुरवाटी के पूर्व विधायक राजेंद्र गुढ़ा एक बार फिर से राजनीतिक पाला बदल सकते हैं। गुढ़ा झुंझुनू विधानसभा के उपचुनाव में शिवसेना को छोड़कर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी Aघ्श्घ्श् से चुनाव लड़ सकते हैं। इन सियासी अटकलों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। शिवसेना शिंदे गुट के प्रदेश संयोजक राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने स्पष्ट किया कि वह शिवसेना से चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि Aघ्श्घ्श् के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी मेरे मित्र हैं और हम अक्सर मिलते हैं। मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं। राजेंद्र गुढ़ा, जो पहले कांग्रेस में थे और फिर शिवसेना में शामिल हुए, अब एक बार फिर से अपनी राजनीतिक दिशा बदलने की तैयारी में हैं। झुंझुनू लोकसभा सीट से विधायक बृजेंद्र ओला के सांसद बनने के बाद, झुंझुनू विधानसभा सीट खाली हो गई है और अब वहां उपचुनाव होनेवाले हैं। राजेंद्र गुढ़ा की नजर अब इस खाली हुई झुंझुनू विधानसभा सीट पर है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि झुंझुनू में २३ज्ञ् मुस्लिम वोटर्स हैं। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए, राजेंद्र गुढ़ा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी का साथ ले सकते हैं। सोमवार को बकरीद के अवसर पर गुढ़ा ईदगाह गए और वहां उन्होंने मुस्लिम समुदाय को ईद की मुबारकबाद दी।
किसके सिर पर हार का ताज?
लोकसभा चुनाव २०२४ में राजस्थान में बीजेपी १४ सीटों पर सिमट गई, जिसके बाद पार्टी में हार के कारणों को लेकर आत्ममंथन हुआ। सीएम भजनलाल शर्मा ने हार पर आत्ममंथन की रिपोर्ट पीएम मोदी को सौंप दी है, लेकिन इस बीच बीजेपी के अंदर एक-दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ा जा रहा है। बीजेपी नेता देवी सिंह भाटी ने बीजेपी की हार को लेकर राजेंद्र सिंह राठौड़ पर जमकर निशाना साधा है। राजस्थान में बीजेपी की हार को लेकर देवी सिंह भाटी ने कहा कि राजस्थान में राजेंद्र राठौड़ के कारण लोकसभा चुनावों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने चुनाव का पूरा वातावरण खराब कर दिया। जिस प्रकार से राजस्थान में टिकट कटवाया गया यह गलत था। सबसे बड़ा घातक चूरू सीट से राहुल कस्वां का टिकट कटवाना साबित हुआ। देवी सिंह भाटी ने बताया कि राहुल कस्वां का काम और जन संपर्क काफी अच्छा था, लेकिन कस्वां का टिकट काटने से पूरे राजस्थान में जाट एकजुट नहीं रहे। इससे बीजेपी का जाट वोट छिटक गया। उन्होंने आगे कहा कि अगर राहुल कस्वां का टिकट राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कटवाया नहीं होता तो बीजेपी को जीत मिलती।