हलाकान हो रहे मरीज, लग रही भारी भीड़
शिवसेना ने जताई चिंता, डॉक्टरों से की मुलाकात
संदीप पांडेय / मुंबई
ठाणे महानगरपालिका द्वारा संचालित श्री छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल, कलवा की व्यवस्था दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। अस्पताल में मरीजों की संख्या के हिसाब से डॉक्टरों और कर्मचारियों की कमी है। सैकड़ों की संख्या में मरीजों की लंबी-लंबी लाइनें लगती हैं। धक्का-मुक्की के चलते कई बार यहां मरीजों के परिजनों के बीच झगड़ा भी हो जाता है। यहां पर महिला सुरक्षाबलों की भी कमी है। इस अस्पताल में पड़ोसी जिलों से भी मरीजों का आना-जाना लगा रहता है, जिसके चलते इस अस्पताल में भारी भीड़ देखने को मिलती है।
८९ मरीजों पर एक नर्स
कलवा अस्पताल की क्षमता ५०० बेड की है, लेकिन मौसमी बीमारियों के चलते मरीजों की संख्या बढ़कर हजारों से भी अधिक हो गई है। वॉर्ड में जहां जगह है, वहां बेड लगाकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। एक वॉर्ड की क्षमता ४९ मरीजों की है। फिलहाल, एक नर्स ८९ मरीजों का इलाज कर रही है। मरीजों की बढ़ती संख्या के सामने मैन पावर और जगह भी कम पड़ती है। प्रतिदिन, ठाणे, कलवा, मुंब्रा, दिवा, पालघर, उल्हासनगर, डोंबिवली, जवाहर, वाडा, भिवंडी आदि शहरों से विभिन्न क्षेत्रों से लगभग ५०० मरीज ओपीडी में आते हैं। सरकार को चाहिए कि मरीजों के सही उपचार की व्यवस्था कराए।
क्या कहते हैं लोग?
एक कर्मचारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि मरीजों को पूरी दवाएं नहीं दी जाती हैं, जितनी डॉक्टर लिखते हैं उससे दवाएं कम कर दी जाती हैं और कहा जाता है कि आप दवा बाहर से ले लें। हमारे पास पर्याप्त दवा नहीं है अगर सही से जांच हो तो दवाओं का भी पता चल जाएगा?
एक २५ वर्षीय मरीज ने बताया कि वो इलाज के लिए पिछले तीन दिनों से चक्कर सगा रहा है लेकिन फिर भी उसे उम्मीद है कि उसका इलाज हो जाएगा क्योंकि वो मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में है, वो कलवा अस्पताल में है शायद सुनवाई हो जाए। ७७ वर्षीय मालती देवी भी लंबी लाइन के चलते परेशान दिखींr। इसी तरह एक वृद्ध खुद हॉस्पिटल में बीमार महिला की ट्रॉली खींचते हुए दिखा, जो खुद चल नहीं पा रहा था वो खुद अपंग महिला को डॉक्टर की चौखट पर इस उम्मीद से लेकर घूम रहा था कि शायद किसी अधिकारी को उस पर दया आ जाए और उसे खुद के लिए नहीं परिवार की अपंग महिला को इलाज मिल जाए।