चुनाव की जगह लड़ रहे थे खुद की जंग
नेता अधिकारियों पर भी फोड़ रहे ठीकरा
सामना संवाददाता / लखनऊ
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में मिली हार को भाजपा अभी तक पचा नहीं पा रही है। पार्टी के नेता अभी भी सदमे में हैं और गम से उबर नहीं पाए हैं। ऐसे में पार्टी के पदाधिकारी हार के कारणों को जानने के लिए हर जिले में बैठक कर रहे हैं। इसी बीच खबर आ रही है कि हार के बाद से भी यूपी भाजपा में असंतोष चरम पर पैâल गया है। अधिकांश सीटों पर हार की समीक्षा करने पहुंची टीम के सामने प्रत्याशियों, क्षेत्रीय पार्टी विधायकों और संगठन के स्थानीय पदाधिकारियों के बीच शीत युद्ध की बात सामने आई है। सभी एक-दूसरे के सिर पर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं।
हार के कई कारणों को गिनाया
सूत्रों का कहना है कि स्थानीय संगठन और पदाधिकारी जहां सांसद-विधायक की आपसी जंग और जनता में सांसद विरोधी लहर को प्रमुख कारण बता रहे हैं, वहीं संविधान और आरक्षण के मुद्दे व जमीनी कार्यकर्ताओं की शिथिलता जैसे भी कारण सामने आए हैं। तमाम सीटों पर मतदाता सूची में गड़बड़ी की शिकायत भी सामने आई है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि बड़ी संख्या में भाजपा समर्थक मतदाताओं के नाम कट गए हैं। कई जगहों पर बीएलओ पर भी गड़बड़ी के आरोप लगे हैं।
अधिकारियों को बना रहे बलि का बकरा
हार के लिए अधिकारियों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है और अधिकारियों पर जान-बूझकर गड़बड़ी करने का भी आरोप लगाया जा रहा है। तमाम क्षेत्रों में तो लोगों ने कहा कि अधिकारियों की मनमानी और स्थानीय पदाधिकारियों की उपेक्षा के चलते जनता के बीच उनका प्रभाव कम हुआ, इस वजह से भी जनता ने उन्हें नकार दिया।
हिली हुई है भाजपा
बता दें कि साल २०१९ के चुनाव की तुलना में इस चुनाव में करीब आधी सीट हारने की टीस ने भाजपा को अंदर से हिला कर रख दिया है। जिसके बाद चुनाव के पहले तक कागजों पर सक्रिय पार्टी संगठन अब हर लोकसभा क्षेत्र में जाकर जमीनी हकीकत को परख रही है।
भाजपाइयों में चले लात-घूंसे
समीक्षा बैठक के दौरान सिद्धार्थनगर और सहारनपुर, अयोध्या में बवाल हो गया। तीनों जगह भाजपा कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। जिसका वीडियो भी सामने आया है। सिद्धार्थनगर में इटवा विधानसभा की समीक्षा हो रही थी।तभी पूर्व मंत्री सतीश द्विवेदी और जिला अध्यक्ष कन्हैया पासवान भी की मौजूदगी में हो रही बैठक में दौरान इटवा नगर पंचायत अध्यक्ष विकास जायसवाल के ड्राइवर और भाजपा कार्यकर्ताओं में जमकर मारपीट होने लगा, क्योंकि किसी ने कहा चुनाव में साइकिल चलाने वाले वैâसे बैठक में आ गए। बताया जा रहा है कि कुछ लोगों द्वारा जिलाध्यक्ष कन्हैया पासवान मुर्दाबाद के नारे लगाए जाने के बाद विवाद हुआ।