हाई कोर्ट ने दिया पुलिस को झटका, खुद करेगा जांच
सामना संवाददाता / मुंबई
दहिसर और बोरीवली में शिवेसना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के वर्चस्व को कुचलने के लिए ही अभिषेक घोसालकर ़की हत्या की पूर्वनियोजित साजिश रची गई। इस साजिश की जांच राजनीतिक दवाब में की जा रही है। इस तरह का दावा शुक्रवार को मुंबई हाईकोर्ट में खुद तेजस्वी घोषालकर ने किया। उनके इस दावे को कोर्ट ने गंभीरता से लिया और स्पष्ट किया कि वह खुद ही आरोप पत्र, आरोपियों के कॉल रिकॉर्डस और सीसीटीवी फुटेज की जांच करेगी। इससे पुलिस को बड़ा झटका लगा है।
शिवेसना के पूर्व नगरसेवक अभिषेक घोसालकर की हत्या की जांच सीबीआई अथवा विशेष टीम को सौंपने का आदेश देने की अपील उनकी पत्नी तेजस्वी घोसालकर ने की थी। इसे लेकर उन्होंने कोर्ट में बाकायदा रिट याचिका दायर की है। उस पर न्यायाधीश रेवती मोहिते-डेरे और न्यायाधीश श्याम चांडक की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान तेजस्वी की ओर से एड. भूषण महाडिक ने जोरदार बहस करते हुए राजनीतिक साजिश और पुलिस पर दवाब की ओर खंडपीठ का ध्यान आकृष्ट कराया। दूसरी तरफ पुलिस की ओर से एड. हितेन वेणेगावकर ने जिरह की।
इस बीच खंडपीठ ने जांच में खामियों पर उगंली उठाते हुए पुलिस को आड़े हाथों लिया। इसके साथ ही आरोप पत्र के साथ आरोपियों के कॉल डिटेल रेकॉर्डस (सीडीआर) और परिसर में सीसीटीवी के फुटेज पेन ड्राइव द्वारा सोमवार तक प्रस्तुत करने का आदेश कोर्ट ने पुलिस को दिया। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि राजनीतिक दवाब में पुलिस के किए गए लुका-छिपी का पर्दाफाश हो सकता है।
एडविन को गिरफ्तार क्यों नहीं किया?
अभिषेक घोसालकर का परिवार शिवेसना पक्ष में सक्रिय है। बोरिवली, दहिसर क्षेत्र में घोसालकर परिवार और शिवसेना का वर्चस्व है। इस वर्चस्व को कुचलने के लिए अभिषेक की हत्या की साजिश रची गई। अभिषेक को मॉरिस नरोन्हा ने अपने ऑफिस में बुलाया। वहां ‘फेसबुक लाइव’ के समय मॉरिस ने अभिषेक पर गोलियां दाग दी और बाद में उसने आत्महत्या कर ली। ऐसा पुलिस का कहना है। हालांकि, ‘फेसबुक लाइव’ के समय वहां तीसरा व्यक्ति था। जिस समय गोलीबारी की घटना हुई, उस दौरान मेहुल पारेख मॉरिस के कार्यालय के बाहर था। यह सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट दिखाई दे रहा है। मेहुल मॉरिस का करीबी सहयोगी था। पुलिस ने उसे और दूसरे संदिग्ध एडविन को गिरफ्तार क्यों नहीं किया? पुलिस जांच पूरी तरह से संदिग्ध है। असली साजिशकर्ता अभी भी खुला घूम रहा है। पुलिस की ओर से उसकी तलाश तक नहीं की जा रही है।