मोतीलाल चौधरी / कुशीनगर
कुशीनगर जिले के एक अस्पताल में पथरी के ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर की लापरवाही से महिला की हालत गंभीर हो गई। कुछ दिन दूसरे अस्पताल में इलाज के बाद उसकी मौत हो गई। परिजनों की मांग पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया, लेकिन डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने साईं अस्पताल के डॉक्टर पर गैर इरादतन हत्या और धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
रामकोला थाना क्षेत्र के चंदरपुर लछिया गांव निवासी दीपक कुमार की मां दुर्गावती देवी के पेट में दर्द हुआ, तो परिजन 8 जून 2023 को रामकोला के साईं हॉस्पिटल पर लेकर पहुंचे। संचालक डॉ. महेंद्र कुशवाहा ने भर्ती कर लिया और जांच के बाद पित्त की थैली में पथरी बताते हुए ऑपरेशन की बात कही। घरवालों के हामी भरने पर पथरी का ऑपरेशन डॉक्टर ने कर दिया। 14 जून को दुर्गावती को डिस्चार्ज कर दिया और बताया कि ऑपरेशन सफल हो गया है और पित्त की थैली निकाल दी गई है। घर जाने के बाद दोबारा पेट में दर्ज होने होने लगा। डॉक्टर ने गोरखपुर एम्स ले जाने की सलाह दी। इसके बाद दुर्गावती को लेकर परिजन लखनऊ एसजीपीजीआई ले गए, जहां पता चला कि पेट में सिर्फ चीरा लगाया गया है। पित्त की थैली की पथरी नहीं निकली है, जबकि ऑपरेशन के लिए साईं हॉस्पिटल में 13,000 रुपए जमा कराए गए थे। अधिक दर्द होने से ऑपरेशन के लिए लगाए गए चीरा की वजह से दुर्गावती की मौत हो गई। शिकायत पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी पित्त की थैली नहीं निकलने की पुष्टि हुई। कोर्ट के आदेश पर साईं हॉस्पिटल के संचालक डॉ. महेंद्र कुशवाहा पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। एसओ विनय कुमार सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज कर विवेचना की जा रही है।