मुख्यपृष्ठनए समाचारमोदी राज में महंगाई डायन खाए जात है! ...६५ फीसदी तक खाद्य...

मोदी राज में महंगाई डायन खाए जात है! …६५ फीसदी तक खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी

अब रसोईघरों से गायब होने लगीं सब्जियां
अरुण कुमार गुप्ता / मुंबई
मोदी राज में महंगाई डायन खाए जात है। यह कोई अतिश्योक्ति नहीं बल्कि सच्चाई है। पिछले एक साल में जरूरी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में ६५ फीसदी तक बढ़ोतरी हुई हैं। सब्जियों की कीमतें इतनी ज्यादा बढ़ गई हैं कि अधिकतर रसोईघरों से अब ये गायब होने लगी हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, प्याज, आलू और टमाटर की कीमतें सबसे अधिक बढ़ी हैं। इनके अलावा, चावल, दाल और खाने-पीने की अन्य वस्तुएं भी महंगी हुई हैं।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसान, पिछले साल २१ जून को चावल की कीमत ४० रुपए प्रति किलोग्राम थी, जो अब बढ़कर ४५ रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई है। मूंग दाल की कीमत १०९ रुपए से १० फीसदी बढ़कर ११९ रुपए प्रति किलोग्राम हो गई है। मसूर दाल ९२ रुपए से बढ़कर ९४ रुपए और चीनी का भाव ४३ रुपए से बढ़कर ४५ रुपए प्रति किलोग्राम हो गया है। दूध भी ५८ रुपए से बढ़कर ५९ रुपए प्रति लीटर पहुंच गया है। हालांकि, इस दौरान खाद्य तेलों की कीमतों में मामूली गिरावट आई है। मूंगफली तेल का दाम करीब-करीब स्थिर है। सरसों तेल का भाव १४२ रुपए से घटकर १३९ रुपए लीटर, सोया तेल १३२ से घटकर १२४ रुपए लीटर रह गया है। पाम तेल की कीमत १०६ से गिरकर १०० रुपए पर आ गई है। चाय की कीमत भी २७४ रुपए से बढ़कर २८० रुपए के स्तर पर पहुंच गई है।
आसमान पर सब्जियों के दाम
खुदरा बाजारों के आंकड़ों से पता चलता है कि सब्जियों की कीमतें भी आसमान पर पहुंच गई हैं। फूलगोभी ८० रुपए प्रति किलोग्राम के भाव बिक रहा है। परवल भी खुदरा बाजारों में ८० रुपए प्रति किलोग्राम है। लौकी भी इस समय ६० रुपए प्रति किलोग्राम के भाव बिक रही है।

अन्य समाचार