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म्हाडा ट्रांजिट कैंप में बायोमेट्रिक सर्वे … बाहर किए जाएंगे घुसपैठिए!

१८,००० ट्रांजिट निवासियों का सर्वे पूरा

अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
मुंबई में पुरानी और जर्जर इमारतों के पुनर्निर्माण या मरम्मत के दौरान निवासियों को अस्थायी रूप से म्हाडा ट्रांजिट वैंâप में स्थानांतरित किया जाता है, लेकिन समय के साथ यहां मूल निवासियों की बजाय घुसपैठियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखी गई है। म्हाडा के ट्रांजिट वैंâपों में बढ़ती घुसपैठ म्हाडा के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।
इस समस्या से निपटने के लिए, म्हाडा ने ट्रांजिट वैंâप के निवासियों का बायोमेट्रिक सर्वे शुरू किया है, जो अब अपने अंतिम चरण में है। म्हाडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक लगभग १८ हजार निवासियों का बायोमेट्रिक सर्वे पूरा हो चुका है और जल्द ही बाकी बचे १,५०० से २,००० निवासियों का सर्वे किया जाएगा। इस सर्वे से घुसपैठियों की पहचान करने में मदद मिलेगी। राज्य सरकार ने म्हाडा के मुंबई बिल्डिंग मरम्मत और पुनर्निर्माण बोर्ड को ट्रांजिट वैंâप के किराएदारों का बायोमेट्रिक सर्वे करने और उनकी वास्तविक स्थिति निर्धारित करने की जिम्मेदारी सौंपी है।

तीन श्रेणियों में विभाजन
बायोमेट्रिक सर्वे के बाद निवासियों को तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा। वैâटेगरी ‘ए’ के अंतर्गत वे मूल निवासी जिन्हें पारगमन शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। वैâटेगरी ‘बी’ के तहत वे निवासी जिन्होंने मूल निवासियों से भूखंडों पर कब्जा कर लिया है। वैâटेगरी ‘सी’ के अंतर्गत वे अतिक्रमणकर्ता, जिन्होंने अनधिकृत रूप से ट्रांजिट वैंâप में कब्जा कर लिया है। म्हाडा का यह कदम ट्रांजिट वैंâप में अवैध कब्जों को समाप्त करने और सही निवासियों को उनकी जगह वापस दिलाने के उद्देश्य से उठाया गया है, लेकिन यह प्रक्रिया में कितनी सफल होगी, यह तो समय ही बताएगा।

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