मुख्यपृष्ठटॉप समाचारभगवान राम की सरेआम उड़ी खिल्लियां!...सरकार को सुध नहीं

भगवान राम की सरेआम उड़ी खिल्लियां!…सरकार को सुध नहीं

-आईआईटी मुंबई में असभ्यता का चरम

-कार्रवाई के नाम पर छात्रों पर कोरा जुर्माना

सामना संवाददाता / मुंबई

भगवान राम के नाम पर भाजपा की राजनीति टिकी हुई है। खासकर राम मंदिर के निर्माण के बाद तो भाजपा ने चुनाव में राम के नाम को खूब भुनाया है। मगर आपको यह जानकर आर्श्च्य होगा कि महाराष्ट्र में डबल इंजिन सरकार के राज में प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान आईआईटी मुंबई में एक नाटक का मंचन करके श्रीराम की खिल्लियां उड़ाई गर्ईं और सरकार को इसकी सुध तक नहीं आई। आईआईटी मुंबई में असभ्यता के इस चरम पर कोई नहीं बोल रहा है। उधर प्रबंधन ने भी कार्रवाई के नाम पर बस कुछ छात्रों पर कोरा जुर्माना लगाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।
गौरतलब है कि श्री राम और माता सीता की छवि देश में हर शख्स के मन में बसी हुई है। परंतु कुछ लोगों ने मुंबई जैसे शहर में भगवान राम और माता सीता की पावन छवि के साथ बुरी तरह छेड़छाड़ करने की कोशिश की है। मगर डबल इंजिन सरकार सोई पड़ी है। जानकारी के मुताबिक गत ३१ मार्च को आईआईटी के ओपन-एयर थिएटर में एक नाटक का मंचन हुआ था। इस नाटक का नाम ‘राहोवन’ था। आईआईटी के छात्रों पर आरोप है कि उन्होंने भगवान राम और देवी सीता पर अपमानजनक नाटक का मंचन किया है।

आईआईटी के छात्रों ने किया एकेडमिक फ्रीडम का दुरुपयोग

आईआईटी पवई में आयोजित रामायण पर आधारित एक नाटक में भगवान राम का मजाक उड़ाया गया है। ‘राहोवन’ नामक नाटक में भगवान राम और माता सीता की खूब खिल्ली उड़ाई गई। इस नाटक ने कुछ छात्रों के एक वर्ग के विरोध को भड़का दिया। उनका कहना है कि आईआईटी प्रबंधन को छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी पर उसने सिर्फ जुर्माना लगाया। छात्रों ने आरोप लगाया है कि यह नाटक राम और सीता के साथ-साथ हिंदू धर्म के प्रति भी अपमानजनक है। आईआईटी के छात्रों के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर यह नोटिस ‘आईआईटी बी फॉर भारत’ नामक वैंâपस ग्रुप की ओर से शेयर किया गया है। नाटक में रामायण को अपमानजनक तरीके से प्रस्तुत करने को लेकर उनके पोस्ट के अनुसार यह बताया गया है कि भगवान राम, माता सीता और भगवान लक्ष्मण पर उपहास करने के लिए छात्रों ने एकेडमिक फ्रीडम का दुरुपयोग किया।
इस पूरे मामले को लेकर सबकुछ साफ करने के लिए ४ जून को आईआईटी ने नाटक में शामिल सभी छात्रों को पेनल्टी नोटिस भेजा था। इससे पूर्व ८ मई को नाटक से संबंधित शिकायतों के मद्देनजर डिसीप्लीनरी कमिटी की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में नाटक से जुड़े छात्रों को बुलाया गया था। बैठक में छात्रों की दलील सुनने के बाद कमिटी ने छात्रों पर जुर्माना लगाने की सिफारिश की। आचार संहिता के उल्लंघन के लिए छात्रों पर आईआईटी की अनुशासन समिति ने पहले भी जुर्माना लगाया है। इस मामले में अन्य छात्रों को भी आईआईटी ने दंडित किया है। इस मामले में आईआईटी के छात्रों के खिलाफ भगवान राम और सीता का अपमान करने के लिए कार्रवाई हुई। मामले में छात्रों पर जो जुर्माना लगाया गया है, उसमें एक छात्र पर १.२ लाख का जुर्माना और जूनियर छात्रों पर ४० हजार रुपए का जुर्माना है। मामले के आरोपी सभी छात्रों से हॉस्टल की सुविधा भी छीन ली गई है। इस जुर्माने की राशि एक सेमेस्टर की फीस के बराबर बताई जा रही है।

 

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