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वाह रे शिंदे सरकार…पवई में परिवारों के सिर से छीनी छत

-तेज बारिश में भी खुले में दिन-रात गुजारने को लाचार लोग

-कांग्रेस ने सीएम शिंदे को घेरा, खाने को अन्न और पानी दो

सामना संवाददाता / मुंबई

पवई में मनपा ने बिल्डरों के लिए दल-बल का प्रयोग करते हुए ६०० परिवारों को खुले में लाकर खड़ा कर दिया है। इनके सिर पर न छत है, न ही खाने को अन्न और न पीने को पानी है, जबकि सिर पर मानसून के काले बादल छाए हुए हैं। मुंबई में मानसून का आगमन हो चुका है। ऐसे में मनपा ने इन परिवारों को बरसात में बेघर कर दिया है, जिसे लेकर मनपा के इस कार्रवाई की जमकर निंदा हो रही है तो मुख्यमंत्री से इन लोगों को तत्काल राहत की मांग की जा रही है।
मनपा के एस. डिविजन के अधिकारियों ने पवई पुलिस स्टेशन के अधिकारियों और कर्मचारियों की मदद से जयभीमनगर के इनके झोपड़ों को ६ जून को तोड़ दिए हैं। स्थानीय डेवलपर्स की शिकायत पर मनपा और पुलिस बल का उपयोग करके हीरानंदानी पवई के ६०० गरीब परिवारों के झोपड़े तोड़ दिए गए। इन परिवारों से महिलाएं, छात्र और बच्चे खुले में दिन-रात गुजार रहे हैं।
बता दें कि यहां ३० साल से लोग रह रहे थे। उनके झोपड़े अवैध बताते हुए तोड़ दिए गए, चूंकि उनके पास कोई वैकल्पिक आवास नहीं है इसलिए ये सभी लोग अनिच्छा से फुटपाथ पर जहां भी जगह मिल रही है, वहां रात और दिन गुजार रहे हैं। मानसून शुरू होने के कारण उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही मानसून में महामारी वाली बीमारियों के कारण इन लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा भी पैदा हो गया है। कुछ एनजीओ के सहयोग से इन निवासियों ने अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ मुंबई हाई कोर्ट में अपील दायर की है और यह मामला अदालत में विचाराधीन है, इसकी सुनवाई मंगलवार २५ जून को है।
कांग्रेस ने शिंदे को लिखा पत्र
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री नसीम खान ने कहा कि उन्होंने खुद पहल की और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के नेतृत्व में पीड़ितों के प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की और उनसे इस मामले पर उचित कदम उठाने की मांग की। राज्यपाल ने इस मामले पर गौर करने का वादा किया है। नसीम खान ने मांग की कि उपरोक्त सभी परिस्थितियों को देखते हुए और मानवीय दृष्टिकोण से इन ६०० परिवारों को एक ही स्थान पर समायोजित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में सीएम एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर मांग की गई है।

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