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सिटीजन रिपोर्टर : फंसी फायर ब्रिगेड की गाड़ी … उठी गड्ढों को भरने की मांग

उल्हासनगर
उल्हासनगर में सड़कों की हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। सड़क की खस्ता हालत के चलते अत्यावश्यक सेवाओं में शामिल अग्निशमन का वाहन फंसने के बाद उल्हासनगर मनपा प्रशासन की हर तरफ घोर निंदा की जा रही है। ‘दोपहर का सामना’ के सिटीजन रिपोर्टर और समाजसेवी रुद्रमणि पांडेय ने उल्हासनगर की व्यवस्था पर उंगली उठाई है।
रुद्रमणि पांडेय ने बताया कि आज उल्हासनगर शहर की सड़कों की हालत खराब है। भूमिगत नालियां बनाने के नाम पर मनपा को जमकर लूटा गया। किसी तरह से पाइप लाइन डालने के बाद अब खोदी गई सड़क को बनाए जाने की जरूरत है। ठेकेदार को खोदी हुई सड़क को मजबूत बनाना था, लेकिन मजबूत बनाने की बजाय घटिया बनाने का नतीजा कुछ ऐसा निकला कि विगत दिनों उल्हासनगर के वैंâप नंबर-४ में बुधवार रात से हो रही बारिश से उल्हासनगर मनपा प्रशासन के कार्यप्रणाली की पोल खुल गई। एक ओर शहर के नालों की सफाई नहीं होने से शहर में कई जगह जलजमाव की स्थिति देखने को मिली तो वहीं दूसरी ओर शहर की आपातकालीन प्रबंधन व्यवस्था अग्निशमन की गाड़ी गड्ढे में फंस गई, जिसे क्रेन की मदद से गड्ढे से बाहर निकाला गया। इस तरह की घटना अन्य भारी वाहनों के साथ भी घट सकती है। रुद्रमणि पांडेय ने बताया कि उल्हासनगर वैंâप नंबर-४ परिसर में एक जगह एक पेड़ गिर गया था, जिसकी सूचना उल्हासनगर फायर ब्रिगेड को मिली। सूचना मिलते ही अग्निशमन दल वाहन के साथ मौके पर पहुंचा। पेड़ को हटा दिया। वहां से लौटते वक्त फायर ब्रिगेड की गाड़ी सड़क पर बने गड्ढे में फंस गई। प्रशासन की इस लापरवाही के कारण यहां बड़ा हादसा हो सकता था। बुधवार रात से हो रही बरसात के कारण नागरिकों को धूप और गर्मी से कुछ राहत जरूर मिली, लेकिन नालों की ठीक से सफाई न होने के कारण उल्हासनगर वासियों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। उल्हासनगर शहर में केबी रोड, खेमानी, नाना-नानी पार्क, गोल मैदान, स्टेशन रोड आदि निचले इलाकों में बड़े-बड़े नालों का पानी भर जाने से नागरिकों के घरों में पानी घुसने की शिकायत मिली थी।
निजी ठेकेदार को नाला सफाई का काम मिलता है, उसी ठेकेदार को शहर में गड्ढे भरने का ठेका भी मिलता है। गड्ढों के चलते शहर में पानी भर जाने से दोपहिया वाहन चालक गड्ढों में गिरते नजर आ रहे हैं। मगर मनपा प्रशासन की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण उल्हासनगर एक बार फिर डूबेगा या गड्ढे में गिरेगा, ऐसा सवाल उठ रहा है। उल्हासनगर में नाला सफाई और शहर की सड़कों पर बने गड्ढों की भराई में करोड़ों रुपए पानी में बह जाता है।

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