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पहले सत्र का पहला दिन हंगामा हो गया! …सड़क से संसद तक संविधान बचाने की लड़ाई जारी

विपक्ष की मजबूती से बढ़ेगी मोदी की मजबूरी
हिंदुस्थान ने देखी इंडिया की एकजुटता
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव में नव-निर्वाचित सांसदों को नए संसद भवन में शपथ दिलाई गई। विपक्ष ने पहले ही दिन तीखे तेवर दिखाए। १६वीं और १७वीं लोकसभा के कार्यकाल से १८वीं लोकसभा का कार्यकाल पूरी तरह से अलग होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसी के साथ ही पहले सत्र के पहले दिन ही विपक्ष का जोरदार हंगामा देखने को मिला। ऐसे में कहा जा सकता है कि इस बार मोदी की ३.० सरकार की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं।
१८वीं लोकसभा का पहला सत्र कल से शुरू हो गया है। संसद सत्र के पहले दिन ही विपक्षी सांसदों ने संसद के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। `इंडिया’ गठबंधन के सांसदों ने सदन के बाहर मार्च निकाला। इस दौरान सांसदों के हाथ में संविधान की कॉपी भी थी। इस दौरान सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद रहे।
कई मुद्दों पर पीएम को
घेर सकता है विपक्ष
१८वीं लोकसभा में शपथ ग्रहण के बाद दो प्रमुख मुद्दे केंद्र में रहेंगे। इनमें एक है नीट यूजी पेपर लीक और एनटीए विवाद, जबकि दूसरा मुद्दा है नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव। लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव २६ जून को होगा और राष्ट्रपति मुर्मू २७ जून को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी।

` संविधान पर हमला बर्दाश्त नहीं’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह द्वारा संविधान पर हमला स्वीकार्य नहीं है, हम ऐसा नहीं होने देंगे। इसीलिए हमने शपथ लेते समय संविधान का हाथ थामा। हमारा संदेश लोगों तक पहुंच रहा है। टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि हमारी मांग संविधान की रक्षा करना है। यूसीसी लाया जाएगा। धर्मनिरपेक्षता रहेगी या नहीं, हमें नहीं पता है। भारत-बांग्लादेश के बीच समझौता हुआ तो पश्चिम बंगाल सरकार को नहीं बुलाया गया। एकतरफा सब किया गया।
‘रस्सी जल गई लेकिन बल नहीं गया’
लोकसभा सत्र के पहले दिन सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया। खड़गे ने सवाल किया कि वे आपातकाल के मुद्दे को लगातार उठाकर कब तक शासन करना चाहते हैं। खड़गे ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी जी अपने रस्मी संबोधन में आज जरूरत से ज्यादा बोले। इसे कहते हैं, रस्सी जल गई, बल नहीं गया।’ उन्होंने कहा, ‘देश को आशा थी कि मोदी जी महत्वपूर्ण मुद्दों पर कुछ बोलेंगे। युवाओं के प्रति कुछ सहानुभूति दिखाएंगे, पर उन्होंने अपनी सरकार की धांधली व भ्रष्टाचार के बारे में कोई जिम्मेदारी नहीं ली।

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