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गुजरात की ब्लैकलिस्टेड कंपनी को बार-बार ठेका क्यों? …नीट परीक्षा धांधली में एक और नया खुलासा

-केंद्र सरकार का चाल, चरित्र और चेहरा फिर उजागर
-९०० पन्नों की चार्जशीट कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में दाखिल
-१८ आरोपी अब तक गिरफ्तार किए गए

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
नीट परीक्षा धांधली में एक और नया खुलासा हुआ है। इस खुलासे से केंद्र सरकार का चाल, चरित्र और चेहरा फिर उजागर हुआ है। बताया जाता है कि पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश सरकार ने कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में हुए पेपर लीक के मद्देनजर परीक्षा आयोजित करने वाली अहमदाबाद की कंपनी एडुटेस्ट सॉल्युशंस प्राइवेट लिमिटेड को ब्लैकलिस्ट कर दिया था।
पड़ताल में सामने आया है कि यह कंपनी कई राज्यों में पेपर लीक और भर्ती घोटाले के आरोपों से घिरी हुई है। इसके संस्थापक निदेशक सुरेशचंद्र आर्य सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा नामक एक प्रमुख हिंदू संगठन के अध्यक्ष हैं। उनके कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम बड़े भाजपा नेता शामिल होते हैं।
कई राज्य सरकारें इस कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर चुकी हैं। सुरेशचंद्र के बेटे यानी एडुटेस्ट के प्रबंध निदेशक विनीत आर्य २०१७ में जेल भी जा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली केंद्र सरकार की एक संस्था और कई राज्यों की भाजपा सरकारें इसे परीक्षा आयोजित करवाने के ठेके देती रहती हैं।

उत्तर प्रदेश कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा
२० जून को उत्तर प्रदेश सरकार ने एडुटेस्ट को ब्लैकलिस्ट कर दिया। इस कंपनी को परीक्षा आयोजित कराने की जिम्मेदारी दी गई थी। कॉन्स्टेबल के ६३,२४४ पदों के लिए ४३ लाख से ज्यादा अभ्यर्थी १७ और १८ फरवरी को परीक्षा में शामिल हुए थे, लेकिन इसका पेपर लीक हो गया। प्रदेश भर के अभ्यर्थियों ने राजधानी लखनऊ में आकर कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया। अंतत: योगी आदित्यनाथ की सरकार को परीक्षा रद्द करनी पड़ी। मामले की जांच कर रही यूपी एसटीएफ ने विनीत आर्य को कई नोटिस भेजे हैं, लेकिन वह जांचकर्ताओं के सामने पेश नहीं हुए। खबरों के मुताबिक, एसटीएफ के गठन के बाद आर्य अमेरिका भाग गए।

एसटीएफ का कहना है कि पेपर कंपनी के अहमदाबाद स्थित गोदाम से लीक हुआ था। एसटीएफ अब कंपनी के बैंक खाते और कॉल डिटेल्स खंगाल रही है। एसटीएफ ने ६ जून को इस मामले में ९०० पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। १८ आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।

पिछले साल बिहार ने किया था ब्लैकलिस्ट
२० अक्टूबर, २०२३ को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (पटना) के परीक्षा नियंत्रक ने एडुटेस्ट सॉल्युशंस को एक पत्र लिखा था। पत्र में कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर को सूचित किया गया था कि समिति उनकी एजेंसी को ‘घोर लापरवाहीपूर्ण रवैये’ ‘और गैर-व्यावसायिक आचरण’ के कारण ब्लैकलिस्ट कर रही है।
समिति ने एडुटेस्ट की ‘लापरवाहियों’ को सूचीबद्ध करते हुए लिखा, ‘माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा, डी.एल.एड., संयुक्त प्रवेश परीक्षा, सिमुलतला आवासीय विद्यालय कक्षा- ११ प्रवेश परीक्षा’ जैसी परीक्षाओं के आयोजन में हुई लापरवाही की वजह से आपकी एजेंसी को तीन वर्षों के लिए प्रतिबंधित किया जाता है तथा बिहार विद्यालय परीक्षा से संबंधित कार्यों के लिए तीन वर्षों के लिए काली सूची में डाला जाता है।

 

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