कृषि के साथ ही औद्योगिक विकास भी होगा प्रभावित
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
हिंदुस्थान में पानी की बढ़ती कमी के कारण महंगाई बढ़ेगी। पानी की कमी कृषि तथा उद्योग क्षेत्र को प्रभावित करेगी, जो देश की ऋण क्षमता के लिए हानिकारक है, क्योंकि खाद्य मुद्रास्फीति में वृद्धि और आय में गिरावट से सामाजिक अशांति उत्पन्न हो सकती है। रेटिंग एजेंसी मूडीज ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में ऐसी चेतावनी दी है।
मूडी की रिपोर्ट के अनुसार, जल आपूर्ति में कमी से कृषि उत्पादन तथा औद्योगिक कार्य प्रभावित हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ेंगी। यह उन क्षेत्रों की ऋण क्षमता के लिए हानिकारक हो सकता है, जो भारी मात्रा में जल का उपभोग करते हैं, जैसे कोयला बिजली उत्पादक और इस्पात निर्माता आदि। इसमें कहा गया कि हिंदुस्थान की तेज आर्थिक वृद्धि, साथ ही तीव्र औद्योगिकीकरण और शहरीकरण के कारण दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में पानी की उपलब्धता कम हो जाएगी। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव तेजी से बढ़ने के कारण जल संकट और भी बदतर हो रहा है, जिसके चलते सूखा, लू तथा बाढ़ जैसी जलवायु संबंधी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। मूडीज ने देश के समक्ष पर्यावरणीय जोखिम पर एक रिपोर्ट में कहा कि हिंदुस्थान में पानी की कमी बढ़ती जा रही है, क्योंकि तेज आर्थिक वृद्धि तथा जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों के कारण लगातार बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं के बीच पानी की खपत बढ़ रही है। मूडीज रेटिंग ने रिपोर्ट में कहा, ‘यह ऋण क्षमता के लिए हानिकारक है, साथ ही उन क्षेत्रों के लिए भी हानिकारक है जो पानी का अत्यधिक उपभोग करते हैं, जैसे कोयला बिजली जनरेटर और इस्पात विनिर्माता। दीर्घावधि में जल प्रबंधन में निवेश संभावित जल की कमी से होने वाले जोखिम को कम कर सकता है।’ यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में जल संकट एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है।