सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) द्वारा शहर में चल रहे हाउसिंग प्रोजेक्ट में भूमिपुत्रों की ५० प्रतिशत हिस्सेदारी की मांग के मामले पर समर्थन बढ़ता जा रहा है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विरोधी दल भी जहां इस मांग के समर्थन में हैं, वहीं चहुंओर शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के इस पहल की सराहना की जा रही है। शहर के विभिन्न हिस्सों में बन रहे हाउसिंग प्रोजेक्टों में भूमिपुत्रों की ५० प्रतिशत हिस्सेदारी को लेकर शहर के तमाम संगठन व मराठी अस्मिता से जुड़े लोग एकजुट होकर उद्धव ठाकरे की इस मांग का स्वागत कर रहे हैं। वहीं शिवसेना संगठक अरुण रमाकांत तिवारी ने उद्धव ठाकरे की इस मांग का समर्थन करते हुए कहा है कि महाराष्ट्र राज्य मराठियों का राज्य है इसलिए यहां सर्वप्रथम भूमिपुत्रों को मान-सम्मान, अधिकार व रोजगार में भी आरक्षण मिलना चाहिए। बीते दिनों हुए मराठी बनाम गुजराती मामले को देखा जाए तो यहां मराठी बनाम अन्य की लड़ाई में राजनीति की जा रही है, जो गलत है। अरुण तिवारी का कहना है कि उद्धव ठाकरे की मांग जायज है, भूमिपुत्रों को शहर में बन रहे हाउसिंग प्रोजेक्टों में आरक्षण मिलना चाहिए, ताकि भूमिपुत्रों को शहर छोड़कर जाना न पड़े। उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि मोदी राज में जातिवाद और प्रांतवाद की घटनाएं काफी बढ़ी हैं। इसी तरह से शहर में अपनी लड़ाई लड़ने वाले आम मराठी भाषी मुंबई को छोड़ मुंबई के बाहर जाने को मजबूर हैं।