ज्यादातर बच्चों की इच्छा होती है कि वो बड़ा होकर अधिकारी बने, लेकिन कभी मजबूरी या ऐसी परिस्थिति बन जाती है कि उनका सपना पूरा होना संभव नहीं हो पाता है। वैसे उत्तर प्रदेश में एक ७ साल के बच्चे का अधिकारी बनने का सपना सच हो गया है। जी हां, वाराणसी जोन के एडीजी कार्यालय में सात साल के बच्चे ने सशस्त्र एडीजी का चार्ज संभाला।मिली जानकारी के अनुसार, बिहार के सुपौर जिले के तेकुना (प्रतापगंज) निवासी रंजीत कुमार दास के सात वर्षीय पुत्र प्रभात ब्रेन के वैंâसर से पीड़ित हैं। लहरतारा स्थित टाटा मेमोरियल सेंटर के अस्पताल में इलाज चल रहा है। संस्था के सदस्यों ने वैंâसर हॉस्पिटल में प्रभात से मुलाकात की तो उसने आईपीएस बनने की इच्छा जाहिर की थी। इसकी जानकारी होने पर एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया ने बच्चे को उसके पिता रंजीत और मां संजू के साथ बुलाया। इसके बाद एडीजी पीयूष मोर्डिया ने बच्चे का सपना पूरा किया। एक दिन का प्रभार वैंâसर पीड़ित ७ साल के प्रभात कुमार रंजन के पास रहा। पीयूष मोर्डिया ने छात्र प्रभात को पुलिस टीम की मौजूदगी में ससम्मान अपनी कुर्सी पर बैठाया।