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३.० तानाशाह का पहला वार सीबीआई ने किया चुपके से केजरीवाल को गिरफ्तार!… कोर्ट में आवेदन और अनुमति मिलने की वकील को भनक तक नहीं लगी

तीन दिन की सीबीआई रिमांड पर भेजे गए सीएम
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से तानाशाह मोदी सरकार ३.० पूरी तरह से भयभीत हो गई है। इसी का नतीजा है कि उसने पहला वार किया है और तानाशाह के इशारे पर कठपुतली बनी सीबीआई ने केजरीवाल को इतने चुपके से गिरफ्तार किया कि इसकी भनक तक वकील को नहीं लगी। इस गिरफ्तारी के बाद बुधवार को कोर्ट में पेशी के बाद सीएम को तीन दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने चोरी को रोकने और राजस्व बढ़ाने के लिए नवंबर २०२१ में अपनी आबकारी नीति में सुधार का प्रयास शुरू किया था। इस समय तक दिल्ली में शराब की खुदरा बिक्री सरकारी निगमों और निजी कंपनियों के बीच समान रूप से वितरित की जाती थी और आबकारी विभाग प्रति वर्ष लगभग ४,५०० करोड़ रुपए कमाता था। दिल्ली आबकारी नीति २०२१-२२ के आने के बाद सरकार ने खुदरा का पूरी तरह से निजीकरण कर आबकारी चोरी और अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगाकर १० हजार करोड़ रुपए के राजस्व का लक्ष्य रखा। इस नई नीति के तहत शहर के सभी २७२ नगरपालिका वॉर्डों में कम से कम दो शराब की दुकानें होनी थीं। हालांकि, तानाशाह ३.० के इशारे पर काम करनेवाली सीबीआई और ईडी ने आरोप लगाया है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितता की गई थी और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ दिया गया था। लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया था और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना एल-१ लाइसेंस बढ़ाया गया था। लाभार्थियों ने आरोपित अधिकारियों को अवैध लाभ दिया और पता लगाने से बचने के लिए अपने खाते की पुस्तकों में गलत प्रविष्टियां कीं। यह भी आरोप है कि आबकारी विभाग ने निर्धारित नियमों के विरुद्ध एक सफल निविदाकर्ता को लगभग ३० करोड़ रुपए की बयाना जमा राशि वापस करने का निर्णय लिया था।
कोर्ट में भड़के दिल्ली के सीएम
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी (सीबीआई की) पूरी योजना मीडिया के सामने हमें बदनाम करने की है। प्लीज रिकॉर्ड करें कि ये सभी बातें सीबीआई सूत्रों के माध्यम से मीडिया में चलाई गई हैं। केजरीवाल ने यह भी दावा किया कि सीबीआई इस मुद्दे को सनसनीखेज बना रही है। उन्होंने कहा कि इसका स्पष्टीकरण किया जाना चाहिए। उनका उद्देश्य मामले को सनसनीखेज बनाना है। इसके साथ ही कोर्ट भी भड़के।

सब तानाशाही और इमरजेंसी जैसा है
`सिस्टम चाहता है बंदा बाहर न आए’
सुनीता केजरीवाल ने `एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि २० जून को अरविंद केजरीवाल को जमानत मिली। ईडी ने तुरंत हाई कोर्ट जाकर रोक लगवा दी। अगले ही दिन सीबीआई ने आरोपी बना दिया और कल गिरफ्तार कर लिया। पूरा तंत्र इस कोशिश में है कि बंदा जेल से बाहर न आ जाए। ये कानून नहीं है। ये तानाशाही है, इमरजेंसी है।

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