सामना संवाददाता / मुंबई
१७ साल बीतने के बाद भी मुंबई-गोवा महामार्ग का काम पूरा नहीं हुआ है। इससे कोकणवासियों और मुसाफिरों को भारी असुविधा हो रही है। इस मुद्दे को कल विधान परिषद में विधायक विक्रम काले ने उठाया। उक्त मुद्दे पर सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री रवींद्र चव्हाण द्वारा उचित जवाब नहीं दिए जाने पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) समेत पूरे विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए सवाल किया कि इस काम को कब तक पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही विपक्ष ने अधूरे काम को तुरंत पूरा करने की मांग भी की। उक्त मुद्दे को लेकर सदन में जोरदार हंगामा हुआ। उपसभापति नीलम गोर्हे ने सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी।
महाराष्ट्र और गोवा को जोड़नेवाले और कोकण के विकास के लिए महत्वपूर्ण मुंबई-गोवा महामार्ग का चार लेन का निर्माण पिछले कई वर्षों से अधूरा है। इस मार्ग पर अब तक ३३७४.११ करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। इस बीच ७५ फीसदी काम पूरा होने का दावा किया गया है। इसे लेकर विपक्ष ने मांग की कि सरकार इस बारे में विस्तृत जानकारी दे और स्पष्ट करे कि पूरी सड़क यातायात के लिए कब खोली जाएगी। मंत्री रवींद्र चव्हाण द्वारा दिए गए जवाब को भ्रामक बताते हुए शिवसेना विधायक सचिन अहीर, सुनील शिंदे, विलास पोतनीस समेत तमाम विपक्ष के सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने सवाल खड़ा किया कि हम सरकार से सवाल पूछें या नहीं। इस बीच हंगामे के कारण बैठक स्थगित कर दी गई।
सरकार कहती है अधिकारी जिम्मेदार
मंत्री रवींद्र चव्हाण ने कहा कि ५५० किलोमीटर लंबे मुंबई-गोवा हाइवे का काम दस पैकेज में चल रहा है और अलग-अलग ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ठेकेदारों द्वारा उपठेकेदारों को काम दिए जाने के कारण काम में देरी हुई। उन्होंने दावा किया कि विशेष तौर पर काम की धीमी गति के लिए अधिकारी जिम्मेदार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ जगहों पर भूमि अधिग्रहण में कानूनी मामलों के कारण काम रुका हुआ है।
२०२४ के अंत तक काम हो जाएगा पूरा
सरकार इस सड़क के काम में तेजी लाने की कोशिश कर रही है और जरूरत के मुताबिक, वैकल्पिक ठेकेदारों को नियुक्त किया गया है। यह काम प्रगति पर है। मंत्री रवींद्र चव्हाण ने कहा कि दिसंबर २०२४ के अंत तक सभी काम पूरे हो जाएंगे। चरणों को लेकर उन्होंने यह भी कहा कि ज्यादातर चरण ८५ से ९० फीसदी तक पूरे हो चुके हैं।