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कमीशनखोरी के लिए भारी ‘बजट’ … विपक्ष का गंभीर आरोप, राज्य को डाला गर्त में

गुजरात के टुकड़ों पर पलनेवाली सरकार महाराष्ट्र का भला क्या करेगी?
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य की महायुति सरकार ने पिछले ढाई वर्षों से राज्य में जमकर भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का काम किया है। राज्य का खजाना साफ करने के बाद अब महायुति सरकार कर्ज के सहारे बड़ी-बड़ी योजनाओं की घोषणा कर रही है। इससे राज्य का विकास नहीं, बल्कि इस महायुति सरकार ने राज्य को गर्त में डालने का काम किया है। यह गंभीर आरोप विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने ‘घाती’ सरकार पर लगाया है। वडेट्टीवार ने महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजीत पवार द्वारा विधानसभा में वित्तीय वर्ष २०२४-२५ के लिए पेश किए गए बजट को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक लाख १० हजार करोड़ रुपए के घाटे वाले इस बजट की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि ढाई साल तक सिर्फ घोटालों, टेंडरों, कमीशनखोरी और परसेंटेज के लिए काम करनेवाली ‘खोके’ सरकार ने चुनाव में फंड जुटाने के लिए भारी-भरकम बजट पेश किया है। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के नाम पर दौलत कमानेवाली इस महा भ्रष्ट सरकार ने अब विधानसभा चुनाव को देखते हुए बजट के नाम पर चुनावी घोषणापत्र पेश किया है।

उन्होंने मीडिया से बोलते हुए कहा कि महिलाओं के प्रति अन्याय करनेवाली इस सरकार की आंखें लोकसभा चुनाव में मिले सबक के बाद खुली हैं। अपने पापों के प्रति सरकार ने प्रायश्चित करते हुए महिलाओं के लिए योजनाओं की घोषणा की है। भाजपा के एक नेता ने कुछ दिनों पहले भाई-बहन को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जो उन्हें महंगा पड़ा है। यही वजह है कि ‘घाती’ सरकार को प्रदेश में मां-बहन की याद आई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओं पर अन्याय और अत्याचार बढ़ा है। इस सरकार ने गरीब महिलाओं को फटी साड़ियां बांटी हैं। राज्य में महिलाओं का कई मामलों में अपमान किया है, लेकिन अब ऐसी लोक-लुभावन योजनाएं लाकर उन्हें कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि राज्य की महिलाएं इस सरकार को अच्छा सबक सिखाने की तैयारी में हैं।
वडेट्टीवार ने कहा कि राज्य में किसान कर्जमाफी, मनपा, सारथी, बार्टी, महात्मा ज्योतिबा फुले जैसे संस्थानों के लिए योजनाओं की घोषणा की गई, लेकिन यह झूठ का पुलिंदा है इसलिए इन कपटपूर्ण घोषणाओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इस सरकार की नीति बजट पेश करना और उसे लागू करने में फर्क दर्शाता है। उन्होंने कहा कि वित्तीय सर्वेक्षण रिपोर्ट देखकर महाराष्ट्र के लोगों का चेहरा शर्म से झुक गया। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में साफ दिख रहा है कि प्रति व्यक्ति आय के मामले में गुजरात ने महाराष्ट्र को पछाड़ दिया। दिल्ली में बैठे भाजपाइयों के आदेश पर राज्य की असंवैधानिक सरकार ने महाराष्ट्र को गुजरात से पीछे करने का काम बखूबी किया है। गुजरात के नमक के नीचे जागने वाली ये सरकार महाराष्ट्र का भला नहीं कर सकती।

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