सामना संवाददाता / मुंबई
‘घाती’ सरकार के वित्त मंत्री ने कल अतिरिक्त बजट पेश किया। यह बजट आश्वासनों की अतिवृष्टि और जुमलों की बाढ़ है। इस तरह की प्रतिक्रिया शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने दी। उन्होंने कहा कि सभी घटकों को अपने साथ जोड़ने का यह एक झूठा प्रयास है और देवेंद्र फडणवीस झूठे नैरेटिव हैं। ‘घाती’ सरकार ने आज तक जो भी घोषणाएं की हैं, उनमें से कितनी पूरी हुई हैं, इसे लेकर विशेषज्ञों की समिति नियुक्त करके विधानसभा चुनाव से पहले उस पर श्वेत पत्र घोषित करें। इस तरह की मांग भी उद्धव ठाकरे ने की है।
विधान मंडल अधिवेशन के दूसरे दिन का कामकाज खत्म होने के बाद विधान भवन परिसर में उद्धव ठाकरे ने मीडिया से संवाद साधा। उनके साथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील भी उपस्थित थे। इस दौरान उद्धव ठाकरे ने बजट पर टिप्पणी की। यह बजट नहीं, बल्कि यह लॉलीपॉप बजट है। योजनाओं की घोषणाएं की, लेकिन उसके लिए वित्तीय प्रावधान में कही भी नहीं दिखाई दे रहा है। इस पर मीडिया का ध्यान केंद्रित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि लोगों को लॉलीपॉप दिखाकर उन्हें फंसाकर अपना लक्ष्य साधने की सरकार की कोशिश है। उन्होंने कहा कि बीते दस सालों से भारतीय जनता पार्टी ने जनता को झूठा आश्वासन दिया। उनके झूठे आश्वासनों और जुमलों से तंग आकर महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा समेत उनके मित्र दलों को लोकसभा चुनाव में सबक सिखाया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस सबक से अब उनकी आंखे चौंधिया गई हैं इसलिए महाराष्ट्र की जनता को फंसाने के लिए ये लोग नए आश्वासनों की बारिश कर रहे हैं, लेकिन महाराष्ट्र की जनता उनके जुमलों पर विश्वास नहीं करेगी।
धूल झोंकना बंद करो,
महाराष्ट्र जाग गया है
उद्धव ठाकरे ने कहा कि वित्तीय विकास को लेकर महाराष्ट्र गुजरात से पीछे हो गया। यह बात यहां की जनता को पता है। सरकार ने जनता को फंसाने की कोशिश की है। महाराष्ट्र को तोड़कर गुजरात ले जाने की साजिश रची गई है इसलिए महाराष्ट्र की जनता अब सजग हो गई है, इसलिए ऐसे बजट के माध्यम से किसी तरह धूल झोंकना, जनता को फंसाना, रटते हुए झूठ बोलना और फिर असंवैधानिक सरकार लाकर महाराष्ट्र को लूटना अब यह नहीं चलेगा। उद्धव ठाकरे ने हमला बोलते हुए कहा कि अब महाराष्ट्र की जनता जाग गई है।
बेटे-बेटी में न करें भेदभाव
उद्धव ठाकरे ने तंज कसते हुए कहा कि यह बजट महिलाओं को मतदान में अपने पक्ष में लाने का एक हताश भरा प्रयास है। महिलाओं के लिए लाडली बेटी और लाडली बहन योजना को ला रहे हैं तो जरूर लाएं, लेकिन बेटे और बेटी में भेदभाव मत करिए। उद्धव ठाकरे ने कहा कि बेटियों के लिए कुछ ला रहे हैं तो बेटों के लिए भी कुछ लाएं। इसे लेकर बजट में कोई जिक्र नहीं है। राज्य में लाखों बेरोजगार हैं, नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। फिर भी रोजगार बढ़ाने के लिए कोई भी उपाय योजना इस बजट में नहीं की गई है। लाडली बहन योजना का हम स्वागत करते हैं। उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस पर तंज कसते हुए कहा कि परिवारवाद के खिलाफ बोलनेवाले बेटी का भी ख्याल रखने लगे, लेकिन जैसे खुद की बेटी का ध्यान रखते हैं, वैसे ही जनता की बेटियों का भी ध्यान रखें।
…यह तो मक्कारों के घरों की दावत
किसान फसल बिल माफ करने की मांग हमने की थी। उसे मंजूर किया, लेकिन किसानों को कर्ज मुक्त करने की मांग को सरकार ने मान्य नहीं किया। बिजली बिल माफ किया फिर क्या बकाया माफ करेंगे अथवा नहीं? इस तरह का सवाल भी उद्धव ठाकरे ने पूछा।
वारकरियों को खरीदने की कोशिश
वारकरियों के प्रत्येक ‘दिंडी’ के लिए २० हजार रुपए देने की घोषणा सरकार ने की। उस पर उद्धव ठाकरे ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वारकरियों को पैसे से कोई लेना-देना नहीं है। वे केवल विठुराय के नाम पर यात्रा करते हैं, लेकिन उन्हें भी खरीदने की कोशिश की जा रही है।
एक तरफ किसानों को लूटने का काम चल रहा है तो दूसरी तरफ मरहम लगाने का काम सरकार कर रही है। महाविकास आघाड़ी की सरकार आने के बाद बीज, खाद, दवाओं के ऊपर लगे जीएसटी को कम करने का पैâसला हम लेंगे। किसानों और संपूर्ण महाराष्ट्र की जनता विधानसभा चुनावों की प्रतीक्षा कर रही है। यह मक्कारों के घरों की दावत है।
उद्धव ठाकरे, शिवसेनापक्षप्रमुख