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जीवन दर्पण :  कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए शिवजी को चढ़ाएं चांदी का चंद्रमा

 डॉ. बालकृष्ण मिश्र

गुरुजी, मेरी शिक्षा कैसी होगी बताएं?
– श्रेयश वैष्णव
(जन्म- ११ दिसंबर २००८, समय- रात्रि २.१६ स्थान- राजनंदगांव, छत्तीसगढ़)
श्रेयश जी, आपका जन्म गुरुवार के दिन कृतिका नक्षत्र के प्रथम चरण में हुआ है और आपकी राशि मेष बन रही है। लग्न के आधार पर अगर हम देखें तो कन्या लग्न में आपका जन्म हुआ है और चंद्रमा आपकी कुंडली में अष्टम भाव पर बैठा है। अगर चंद्रमा अष्टम भाव पर बैठता है तो मन की एकाग्रता ठीक नहीं रहती और मन एकाग्र रखकर पढ़ाई करोगे, तभी आपका एजुकेशन और भविष्य अच्छा होगा। चंद्रमा के आगे-पीछे कोई ग्रह न होने के कारण एक दुर्योग बनता है, जिसे मातरम योग कहते हैं। शिवजी की आराधना और शिवजी को जल चढ़ाने से आपका मन एकाग्र होगा। चांदी का चंद्रमा शिवजी को चढ़ाएं तो ज्यादा बेहतर होगा। आपकी कुंडली में देवगुरु बृहस्पति पंचम भाव पर नीच राशि का हो करके बैठा है। आपकी शिक्षा और भविष्य में करियर भी बहुत अच्छा होगा। यदि महादशा के आधार पर हम देखें तो मंगल की महादशा चल रही है और मंगल की महादशा में राहु का अंतर चल रहा है, जिससे थोड़ा सा चिड़चिड़ापन आपको होता होगा।

गुरुजी, मेरी शादी में विलंब क्यों हो रहा है?
– रीमा गुप्ता
(जन्म- १ जुलाई १९९४, समय- रात्रि ६.४०, स्थान- बिहार)
रीमा जी, आपका जन्म शुक्रवार के दिन रेवती नक्षत्र के तृतीय चरण में हुआ है और आपकी राशि मीन बन रही है। लग्न के आधार पर अगर हम आपकी कुंडली को देखें तो धनु लग्न में आपका जन्म हुआ है और धनु लग्न का स्वामी बृहस्पति आपकी कुंडली में लाभ भाव पर राहु और पंचम भाव पर केतु के साथ बैठा हुआ है। आपकी कुंडली मांगलिक नहीं है, लेकिन सप्तम भाव पर सूर्य बैठ करके जीवनसाथी का चयन करने में किसी न किसी प्रकार की अड़चन डाल रहा है। आपकी कुंडली में पद्म नामक कालसर्प योग भी बन रहा है इस योग के कारण जीवनसाथी का चयन करने में मुश्किल आ रही है। अगर महादशा के आधार पर हम देखें तो इस समय शुक्र की महादशा चल रही है और शुक्र की महादशा में ही शनि का अंतर चल रहा है। अगर पद्म नामक कालसर्प योग की शांति वैदिक विधि से करते हैं तो निश्चित ही २०२५ तक आपका विवाह हो जाएगा।

गुरुजी, मेरी शिक्षा कैसी होगी और राशि क्या है?
– आयुष आनंद शुक्ला
(जन्म- ३ सितंबर २००४, समय- दिन में ६.३०, स्थान- मुंबई)
आयुष जी, आपका जन्म अश्विनी नक्षत्र के चौथे चरण में हुआ है और आपकी राशि मेष बन रही है। हम आपकी कुंडली को देखें तो कुंभ लग्न में आपका जन्म हुआ है, लेकिन चंद्रमा के साथ राहु के बैठने की वजह से कन्फ्यूजन बना रहता होगा। यदि गोचर के आधार पर हम देखें तो आपकी राशि से दूसरे स्थान पर देवगुरु बृहस्पति बैठे हैं जो आपकी शिक्षा को अच्छा बनाएंगे, परंतु आपकी कुंडली में चंद्रमा के साथ राहु बैठ करके ग्रहण योग भी बना रहा है और वासुकी नामक कालसर्प योग भी आपकी कुंडली में बन रहा है।

गुरुजी, मेरी राशि क्या है और मेरी शिक्षा कैसी होगी, बताएं?
– अनुराग शुक्ला
(जन्म- १८ नवंबर २००९, समय- रात्रि १२.०८, स्थान- मुंबई)
अनुराग जी, आपका जन्म बुधवार के दिन अनुराधा नक्षत्र के चतुर्थ चरण में हुआ है और आपकी राशि वृश्चिक बन रही है। वर्तमान समय में वृश्चिक राशि पर शनि की ढैया का भी प्रभाव चल रहा है। लग्न में मंगल बैठ करके आपकी कुंडली को मांगलिक बनाया है। शिक्षा में सुधार के लिए आपको शनि का उपाय करना चाहिए। इसके लिए प्रतिदिन हनुमान चालीसा का तीन बार पाठ और हनुमान जी का दर्शन करें।

गुरुजी, करियर बनाने में मैं बेहद कन्फ्यूज हूं?
– श्रेयांश वैष्णव
(जन्म- १० मार्च २००३, समय- दिन ४.४८, स्थान- राजनंदगांव, छत्तीसगढ़)
श्रेयांश जी, आपका जन्म सोमवार के दिन रोहिणी नक्षत्र के द्वितीय चरण में हुआ है और आपकी राशि वृषभ बन रही है। आपकी कुंडली को देखें तो सिंह लग्न में आपका जन्म हुआ है और सिंह लग्न का स्वामी सूर्य आपकी कुंडली में सप्तम भाव पर बुध ग्रह के साथ बैठा हुआ है, जो बुधादित्य योग बना रहा है। करियर बनाने के लिए यह बहुत बढ़िया समय है। आप कन्फ्यूजन में इसलिए रहते हैं क्योंकि चंद्रमा १२वें भाव का स्वामी है जो उच्च राशि का हो करके राहु के साथ दशम भाव पर बैठा है। इसके लिए आपको चांदी का चंद्रमा अमावस्या, पूर्णिमा को शिवजी को अर्पण करना चाहिए, ऐसा करने से आपका कन्फ्यूजन दूर हो जाएगा।

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