-२०१९ में हवाई अड्डे के विस्तार का काम किया था शुरू
-टर्मिनल-१ की कैनोपी गिरने से सुर्खियों में आई
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
दिल्ली एयरपोर्ट इन दिनों टर्मिनल-१ की कैनोपी गिरने से सुर्खियों में है। इस घटना में १ व्यक्ति की मौत हो गई थी और करीब ६ लोग घायल हो गए थे। खबर है कि एयरपोर्ट का संचालन करनेवाला जीएमआर समूह २०१८ से एक चुनावी ट्रस्ट के माध्यम से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चंदा देता रहा है। यह चंदा अप्रत्यक्ष रूप से मुहैया कराया जाता रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, २०१८ से इसका नाम प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट में सबसे अधिक चंदा देने वालों में शुमार रहा है। यह ट्रस्ट अपने फंड का सबसे अधिक हिस्सा भाजपा को देता रहा है।
बता दें कि जीएमआर (एयरपोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) के नेतृत्व वाली दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआईएएल) ने २०१९ में दिल्ली हवाई अड्डे के विस्तार का काम शुरू किया था।
चुनावी बॉन्ड और चुनावी ट्रस्ट के बीच मुख्य अंतर यह है कि इस साल की शुरुआत तक बॉन्ड को व्यक्तियों और कॉरपोरेट संस्थाओं द्वारा केवल विशिष्ट समय के दौरान गुमनाम रूप से खरीदा जा सकता था, जबकि चुनावी ट्रस्ट पूरे साल भर योगदान ले सकते हैं। ट्रस्ट उन्हें दिए गए दान के पैसे को राजनीतिक दलों को भेजते हैं। इस बात का भी सार्वजनिक रिकॉर्ड है कि किसने किस चुनावी ट्रस्ट को क्या योगदान दिया है। चुनावी बॉन्ड योजना नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई थी।
हालांकि, जीएमआर का नाम चुनाव आयोग द्वारा जारी चुनावी बॉन्ड दानकर्ताओं की सूची में नहीं है, लेकिन सार्वजनिक रिकॉर्ड से पता चलता है कि कंपनी अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा, जो चुनावी बॉन्ड योजना का भी सबसे बड़ा लाभार्थी थी, को प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट के माध्यम से वित्त पोषित कर रही है। १५ चुनावी ट्रस्टों में यह सबसे बड़ा और सबसे अमीर है।
एडीआर रिपोर्ट
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के चुनावी ट्रस्टों के साल-दर-साल विश्लेषण के अनुसार भी प्रूडेंट भाजपा का सबसे बड़ा चंदादाता है। एडीआर की चुनावी ट्रस्टों पर २०१८-१९ की रिपोर्ट में प्रूडेंट को एकमात्र ऐसे ट्रस्ट के रूप में उल्लिखित किया गया है, जिसने वित्तीय वर्ष २०१३-१४ से अपने योगदान की घोषणा चुनाव आयोग के समक्ष की थी। उस रिपोर्ट में कहा गया था कि २०१८-१९ में चुनावी ट्रस्टों को सभी कॉरपोरेट और व्यक्तिगत दानदाताओं द्वारा दिए गए चंदे में जीएमआर हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने सबसे बड़ा योगदान (२५ करोड़ रुपए) दिया था। एडीआर के अनुसार, प्रूडेंट ने २०१८-१९ में भाजपा को ६७.२५ करोड़ रुपए और उससे पहले के वित्तीय वर्ष में १५४.३० करोड़ रुपए का दान दिया था। एडीआर के २०१९-२० के अध्ययन में भी भाजपा को चुनावी ट्रस्ट योजना का सबसे बड़ा लाभार्थी दिखाया गया था, जिसे ट्रस्टों द्वारा घोषित योगदान का ७६ फीसदी मिला। प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने २०१९-२० में भाजपा को २१७.७५ करोड़ रुपए का दान दिया था। प्रूडेंट को सबसे अधिक राशि देनेवालों में जीएमआर समूह, भारती एयरटेल, डीएलएफ और अपोलो टायर्स शामिल थे।
एडीआर के विश्लेषण के अलावा, २०१९ में भाजपा ने चुनाव आयोग को सौंपे अपने प्रस्तुतीकरण में भी प्रूडेंट को पार्टी का प्रमुख चंदादाता बताया था। उस समय एक रिपोर्ट में बताया गया था कि ‘प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट के प्रमुख योगदानकर्ता भारती एंटरप्राइजेज, जीएमआर एयरपोर्ट डेवलपर्स और डीएलएफ लिमिटेड हैं।