मुख्यपृष्ठस्तंभमेहनतकश : गरीब बच्चों में जगा रहे शिक्षा की अलख  

मेहनतकश : गरीब बच्चों में जगा रहे शिक्षा की अलख  

सैयद आशिक अली

‘इल्म नूर है और जहालत अंधेरा है,
कम खाओ पर बच्चों को शिक्षित करो’
कुछ इसी कहावत की तर्ज पर कार्य करनेवाले अहमद सर आज २० वर्षों से शिक्षा जगत में अपनी सफलता की कहानी लिख रहे हैं। एक ओर जहां लोग शिक्षा को व्यवसाय की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं वहीR अहमद सर नि:शुल्क कई बच्चों को पढ़ाकर उनका भविष्य उज्ज्वल करने को प्रयत्नशील हैं। ‘एक्सपर्ट’ क्लासेस के संचालक शाह मोहम्मद अहमद अबरार अहमद का बचपन धारावी की तंग गलियों में बीता। लेकिन इन्हीं तंग गलियों में रहनेवाले गरीब बच्चों के लिए अहमद सर शिक्षा की रोशनी जलाकर उन्हें आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं। उनकी इन्हीR तमाम कोशिशों की वजह से वे प्राउड ऑफ धारावी, बेस्ट टीचर अवॉर्ड (आईटा), एप्रीसिएशन अवॉर्ड, मोहिबे उर्दु अवार्ड, प्रमोशन अवॉर्ड ऑफ एजुकेशन सहित करीब एक दर्जन अवॉर्ड से सम्मानित हो चुके हैं। अहमद सर के पिता अबरार अहमद वर्ष १९७८ में मुंबई आए थे और स्थानीय बच्चों को मदरसे में अरबी की तालीम देने का काम शुरू किया, जो अब तक जारी है। उनके इसी जज्बे से प्रेरित होकर काफी कम उम्र में अहमद सर ने भी शिक्षा की अलख जगाने का काम शुरू किया। उन्होंने शुरुआती शिक्षा मुंबई मनपा स्कूल में ग्रहण की। इसके बाद साबू सिद्दीक, कॉलेज से होते हुए वे अब मुंबई युनिवर्सिटी पहुंच गए हैं, जहां से वे उर्दू में पीएचडी कर रहे हैं, जो जल्द ही मुकम्मल भी होगा। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही अहमद सर ने साल २००४ में धारावी की तंग व संकरी गलियों में अपने सपनोें को साकार करने के लिए ‘एक्सपर्ट’ क्लासेस की नींव रखी। अहमद सर किसी कारणवश पढ़ाई छोड़ चुके किसी दूसरे काम में लिप्त होने वाले करीब १०० से अधिक बच्चों को न केवल पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया, बल्कि उनकी उच्च शिक्षा भी पूरी करवाई और आज कई बच्चे विभिन्न विभागों में अच्छे पोस्ट पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। गरीब व यतीम बच्चों को क्लासेस के साथ-साथ अन्य शैक्षणिक संस्थानों में सहूलियत दिलाकर उन्हें शिक्षा दिलवाना अहमद सर की प्राथमिकता में शुमार है। अहमद सर के मुताबिक, एक बच्चा कोरे कागज के समान होता है, उसे अच्छे से पढ़ाया जाए तो वो उसका भविष्य भी उज्ज्वल हो सकता है। हालात किसी के किसी भी तरह के हों, पर सच्ची लगन, ईमानदारी के साथ कोई भी कार्य किया जाय तो सफलता जरूर मिलती है। अहमद सर कहते हैं कि कुरान पाक की सबसे पहली आयत इकरा में भी यह कहा गया है कि ‘पढ़ो और पढ़ते रहो’, क्योंकि शिक्षा की कोई आयु नहीं है। जहां तालीम नहीं होगी, वहां जिदंगी में अंधेरा ही होगा। अहमद सर का मानना है कि बच्चों को शिक्षित किया जाना बेहद जरूरी है क्योंकि शिक्षित बच्चे ही भारत का भविष्य हैं। भविष्य के भारत को और अधिक संवारने के लिए ‘पढ़ेगा भारत तो बढ़ेगा भारत’ जैसी संकल्पना लागू की जानी चाहिए। बकौल अहमद सर झोपड़ी बहुल इलाकों में शुमार एशिया की सबसे घनी झोपड़पट्टी में बच्चों और नौजवानों के भविष्य को सुधारना मेरा हरसंभव प्रयास है और धारावी का नाम विश्व पटल पर लाना मेरा मुख्य ध्येय है।

 

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