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फडणवीस के गृह जिले नागपुर की मेट्रो में भारी भ्रष्टाचार! …कैग ने किया खुलासा

– विधानसभा में उठा मुद्दा
– सत्तापक्ष-विपक्ष में हुई जमकर नोकझोंक
सामना संवाददाता / मुंबई
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गृह जिले नागपुर मेट्रो में भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। यह खुलासा वैâग की रिपार्ट में हुआ है। वैâग के खुलासे के बाद कल विधानसभा में नागपुर मेट्रो में हुए भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जमकर नोक-झोंक हुई। नागपुर मेट्रो में हुए तथाकथित भ्रष्टाचार का मुद्दा राकांपा विधायक जयंत पाटील ने उपस्थित किया। पाटील द्वारा उठाए गए मुद्दे पर सत्तारूढ़ दल के विधायक इतना आक्रामक हो गए कि उनके ऊपर टूट पड़े।
पाटील ने सवाल किया कि जब उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी नागपुर में थे तो यह भ्रष्टाचार वैâसे हुआ? पाटील के ये शब्द सत्ताधारियों को नागवार गुजरा। उन्होंने पाटील से मांफी मांगने की मांग की। हालांकि पाटील ने माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया।
जयंत पाटील ने कहा कि सरकार में भ्रष्टाचार का काम चल रहा है। प्रोजेक्ट या टेंडर को इस तरह से मैनेज किया जाता है कि कुछ भी ऑडिट में नहीं आता। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में जो पैसे की बाढ़ देखने को मिली, उसकी जड़ में यही भ्रष्टाचार है। नगर विकास विभाग में बड़े पैमाने पर मेट्रो का निर्माण इसका उदाहरण है। जयंत पाटील ने सदन को बताया कि उपमुख्यमंत्री के नागपुर शहर में मेट्रो को लेकर वैâग की रिपोर्ट सामने आ गई है और कैग ने इस मामले में प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जयंत पाटील ने कहा कि महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा निर्धारित वेब पोर्टल पर नागपुर मेट्रो के लिए निविदाएं प्रकाशित की हैं, लेकिन इसे व्यापक रूप से प्रचारित किए बिना केवल कुछ लोगों को अनुबंध दिलाने के लिए एक प्रणाली बनाई गई।
भाजपा की आपत्ति
भाजपा के आशीष शेलार ने जयंत पाटील द्वारा गडकरी का नाम लेने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि किसी पर आरोप लगाना है तो नोटिस देना होगा, जो सदन के सदस्य नहीं हैं उनका नाम लेने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने मांग की कि जयंत पाटील दोनों नेताओं का नाम वापस लें और माफी मांगें।
हम किसी की मेहरबानी से नहीं चुने गए
इस पर जयंत पाटील ने शेलार को जमकर सुनाया। उन्होंने कहा कि शेलार को नहीं पता कि मैं किस बारे में बात कर रहा हूं। मैंने ऐसा कुछ भी बुरा नहीं कहा, जिससे इसे रिकॉर्ड से हटाया जा सके। मैंने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया। मैंने अभी कहा कि उनके शहर में इस तरह की चीजें हो रही हैं। माफी किससे और क्यों मांगे? हम उनकी कृपा से नहीं चुने गए हैं। उन्हें अपने कान खुले रखने चाहिए और चुपचाप सुनना चाहिए।

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