धीरेंद्र उपाध्याय
लीलावती अस्पताल में गले की सर्जरी करके निकाला गया एक किलो का थायराइड ट्यूमर
प्रिशा शेट्टी (बदला हुआ नाम) पुणे की रहने वाली हैं। प्रिशा पिछले २ वर्षों से तीव्र श्वसन संकट से पीड़ित थीं। कई डॉक्टरों से इलाज कराया, लेकिन हालत में सुधार नहीं हो रहा था। प्रिशा की बिगड़ती हालत को देखते हुए उनके परिवार ने उसे मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया। मेडिकल जांच के बाद पता चला कि महिला के गले में ट्यूमर है, फिर एक्स-रे, सीटी स्वैâन और थायराइड फंक्शन टेस्ट किए गए। इसके बाद महिला की सर्जरी की गई।
अस्पताल में थायराइड और एंडोक्राइन सर्जन डॉ. रितेश अग्रवाल ने कहा कि थायराइड ट्यूमर एक ऐसी स्थिति है, जहां गांठें बनने या सूजन के कारण थायरॉयड ग्रंथि बढ़ जाती है। इस महिला की थायराइड ग्रंथि बढ़ गई थी और गंडमाला विकसित हो गई थी। जब इस क्षेत्र में बड़े ट्यूमर होते हैं तो यह वायुमार्ग पर दबाव डालता है, जिससे ऑक्सीजन की उचित आपूर्ति नहीं हो पाती है और मरीजों को सांस लेने में समस्या का सामना करना पड़ता है। साथ ही इस गांठ के वजन के कारण छाती में भारीपन महसूस होता है। थायराइड ग्रंथि श्वासनली के दोनों तरफ होती हैं और दोनों तरफ बड़ी-बड़ी गांठें होती हैं। यह इतना बड़ा था कि यह गर्दन से छाती में प्रवेश करता था और लगभग छाती से होते हुए हृदय तक पहुंच जाता था। ऐसे मामलों में गंडमाला को ठीक से हटाने के लिए छाती की हड्डी को काटना आवश्यक है। हमने उरोस्थि को काटे बिना केवल गर्दन से ऑपरेशन किया और छाती को खोले बिना पूरे घेंघा को सफलतापूर्वक हटा दिया।
डॉ. अग्रवाल ने आगे कहा कि महिला की टोटल थायराइडेक्टॉमी की गई, जिसका मतलब है कि थायराइड ग्रंथि के सभी हिस्सों को हटाना। इस तरह की थायराइड सर्जरी बहुत कठिन और चुनौतीपूर्ण होती है, क्योंकि तंत्रिकाओं की वोकल कॉर्ड से निकटता ग्रंथि के करीब होती है और इसमें जोखिम अधिक होता है। विशेष उपकरणों का उपयोग करके बहुत ही बारीक विच्छेदन करके तंत्रिका को बचाया गया। ५ घंटे तक चली सर्जरी वाकई चुनौतीपूर्ण थी। सर्जरी के बाद मरीज अब खुलकर बोलने और सांस लेने में सक्षम है। लीलावती हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. नीरज उत्तमानी ने बताया कि डॉक्टरों ने महिला के गले से १ किलो वजनी थायराइड ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकालकर महिला को नई जिंदगी दी है। ट्यूमर निकाले जाने से महिला की सांस संबंधी समस्या ठीक हो गई है। इस सफल सर्जरी ने थायराइड सर्जरी के क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित किया है। मरीज प्रिशा शेट्टी ने कहा कि मेरी गर्दन में थायराइड ट्यूमर होने के कारण मुझे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। डॉक्टरों ने तत्काल सर्जरी करके गर्दन से ट्यूमर को सफलतापूर्वक हटा दिया है। इस सर्जरी के बाद अब मैं बिना किसी परेशानी के दोबारा सांस ले सकती हूं। मुझे नया जीवन देने के लिए मैं डॉक्टरों को धन्यवाद देती हूं।