बुलाकी शर्मा
राजस्थान
बाबावां री महिमा न्यारी है। अे इसा चमत्कारी वैâ बिना चमत्कार करियां ई चमत्कारी मानीजै। आं रो प्रचार तंत्र भोत सांतरो है। प्रचारकां में लुगायां नै बेसी तवज्जो दी जावै क्यूंवैâ अे पक्का मनोविज्ञानी हुवै। जाणै वैâ लुगायां भावुक अर धार्मिक घणी हुवै। भरोसो बेगो करै। प्रचारक वैâ अेजेंट घर-घर पूग’र चमत्कार बखाणै वैâ बाबो आंधै नै आँख्यां, मरियोड़ै नै जीवण-दान दियो, गरीबां रै अन्न- धन रो भंडार भरियो, बांझड़ी नै बेटो दियो, बेरोजगारां नै मल्टीनेशनल कंपनी में मोटी नौकरी दिराई… मतलब वैâ इण कळजुग में साक्षात भगवान रा अवतार है। जनता इत्ती भोळी वैâ चमत्कार रै साच नै परखियां बिना ई, बात्यां में आय’र बाबै नै चमत्कारी मानण ढूवैâ।
जनता नै झांसा देयनै भगत बणावणो मोटै काळजै आळो ई कर सवैâ। मोटो काळजो मोटो बाबो। बीं रा मोटा झांसा। बीं रा हजारूं-लाखूं भगत। बीं रा मोटा मठ। मोटा आश्रम। घाघ अेजेंट। सांतरा ताम-झाम।
अेक मोटै बाबै रो ताजो-ताजो चमत्कार वैâ बरसां सूं स्हैर हाथरस, हास-परिहास रा पर्याय काका हाथरसी रै नांव सूं प्रसिद्ध हो, बो अबै बाबै रो प्रवचन सुणन नै आयोड़ा सैकड़ूं लोगां री दुखद मौतां सूं चरचा में है। पुलिस महकमै सूं रिटायरमेंट लेयनै बाबागीरी में इत्तो चावो हुयो कै पुलिस महकमै रा मोटा-मोटा अफसर बीं रै कारनामा री जांच करण री ठौड़ बीं रै दरबार में धोक देवण लाग्या। इण दुखांतिका री अेफआईआर में बाबोजी रो नांव सामल करण रो साहस कोनी कर सक्या।
बाबा लोग किणी अपराध रै आरोप में जेल में `बिराजै’ तद ई बां री बाबागीरी रो धंधो चालतो रैवै। कानून अपराधी मानो पण भगत पूजनीक ई मानै। बां रै `अवतरण दिवस’ माथै जेल रै बारै घी रा दिवळा करै। भोळा भगतां री भोळी अंध भगती रो चमत्कार देखो वैâ बे बांनै बापू मान’र पूजै। राम-रहीम रूप पूजै। हरि रूप पूजै। भगवान माननै पूजै। राजनेता इसा बाबावां सूं कम चमत्कारी कोनी हुवै पण बां नै ई आं रै दरबार में हाजरी लगावणी पड़ै। बे बाबावां सूं नीं, बां रै भगतां री भीड़ रै चमत्कारां सूं डरै क्यूंवैâ बे बाबावां रै आदेश मुजब वोट देवै।
बाबागीरी रो भविस ऊजळो है। जद तांई भारत भोम माथै इसा बाबावां री भगती में लोग-लुगाई आंधा बणिया रैसी, तद तांई बाबागीरी रो धंधो मंदो कोनी पड़ै, सांतरो चालतो रैसी।