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बारिश में इंफेक्शन का ज्यादा रहता है खतरा … मानसून में न पहनें कॉन्टेक्ट लेंस जा सकती है आंखों की रोशनी … ५० मरीज रोजाना पहुंच रहे अस्पताल

धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
मानसून में आंखों को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि यह मौसम जितना सुहाना लगता है, उतना ही आंखों और शरीर के लिए खतरनाक भी है। चिकित्सकों के मुताबिक, सबसे ज्यादा जरूरी यह है कि मानसून में किसी को भी कॉन्टेक्ट लेंस नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि यह अंधा कर सकता है। एक आंकड़े के मुताबिक, मुंबई में मानसून में आंखों में इंफेक्शन से संबंधित करीब २०० मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें २५ फीसदी यानी ५० मरीज कॉन्टेक्ट लेंस से जुड़ी समस्याओं को लेकर इलाज कराने के लिए चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि बारिश का मौसम जितना सुंदर लगता है, उतना ही खतरनाक भी हो सकता है। इस मौसम में घर से बाहर निकलने में सावधानी, सड़क पर गाड़ी चलाने में सावधानी, वायरल इंफेक्शन के खतरे से सावधानी और यहां तक कि चीजों को भीगने से बचाने में भी सावधानी समेत हर चीज में सावधानी बरतनी पड़ती है। इसका मुख्य कारण यह है कि बरसात में बैक्टीरिया समेत कई तरह के वायरस इंसानी शरीर पर अटैक करते हैं। इस मौसम में सबसे ज्यादा हमारी स्किन और आंखों में संक्रमण पैâलता है इसलिए इन्हें बचाना बहुत जरूरी है। कुछ लोगों को बारिश में नमी और पानी के चलते चश्मा पहनने में परेशानी होती है। इस वजह से वे चश्मे की जगह कॉन्टेक्ट लेंस पहनना पसंद करते हैं। कई लोग शौकिया तौर पर ही कॉन्टेक्ट लेंस का ज्यादा प्रयोग करते हैं, लेकिन वे शायद ही यह जानते होंगे कि बारिश में कॉन्टेक्ट लेंस पहनने से भी इंफेक्शन का खतरा हो सकता है।
आंखों तक नहीं पहुंच पाती है ऑक्सीजन
डॉ. कपूर ने कहा कि बारिश में आंखों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है। ऐसे में कॉन्टेक्ट लेंस प्लास्टिक का होने के कारण आंखों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति ही बाधित हो जाती है। इसमें यदि हम एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल करते हैं तो वह भी आंखों की कॉर्निया तक नहीं पहुंच पाती है। इससे आंखों में बहुत तेजी से संक्रमण पैâलता है। कई मामलों में तो आंखों की रोशनी जाने तक का खतरा पैदा हो जाता है। ऐसे में लोगों को बारिश के मौसम में कतई कॉन्टेक्ट लेंस नहीं पहनना चाहिए।
…तो करवाना पड़ सकता है कॉर्निया ट्रांसप्लांट
डॉ. कपूर ने कहा कि कॉन्टेक्ट लेंस से होनेवाले इंफेक्शन के कई कारण हो सकते हैं। खासकर बरसात के मौसम में ये ज्यादा बढ़ जाते हैं, क्योंकि एवैंâथामियोबा नामक छोटे जीव पानी में रहते हैं, जिसमें नल का पानी, स्विमिंग पूल और हॉट टब शामिल हैं। यदि आप पानी में कॉन्टेक्ट लेंस पहने हुए हैं तो ये आपकी आंखों को आसानी से संक्रमित कर सकते हैं। पैरासाइट भी एक कारण है। हॉट वॉटर टब में पैरासाइट आमतौर पर पाया जाता है तो ऐसे में कॉन्टेक्ट लेंस न पहनें। इन पैरासाइट के कारण होनेवाले केराटाइटिस का इलाज करना बहुत मुश्किल है। अगर ये बीमारी हो जाए तो कॉर्निया ट्रांसप्लांट करवाना पड़ सकता है।

बारिश में कॉन्टेक्ट लेंस पहनने से हो सकता है संक्रमण
मुंबई के मशहूर नेत्र विषेशज्ञ डॉ. शशि कपूर ने कहा कि मानसून में कई वायरस, बैक्टीरिया और अन्य संक्रमणों के संपर्क में आने का जोखिम किसी भी अन्य मौसम की तुलना में दो गुना ज्यादा होता है। हवा में मौजूद नमी ज्यादा हानिकारक बैक्टीरिया पैâलाती है, जिसके चलते आई फ्लू समेत कई बीमारियां होती हैं। अगर बारिश में हम कॉन्टेक्ट लेंस इस्तेमाल करते हैं तो इससे आंखों में इंफेक्शन होने का खतरा बना रहता है। बारिश का पानी कॉन्टेक्ट लेंस के अंदर चला जाता है और वो रिएक्ट कर सकता है।

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