अनिल मिश्रा / उल्हासनगर
उल्हासनगर में लाखों की संख्या में गरीब हिंदी भाषिक लोग रहते हैं। राजनीतिक उदासीनता के चलते हिंदी भाषियों को धार्मिक, सांस्कृतिक, शादी और मरणोपरांत किए जाने वाले कर्मकांड के लिए महंगी दर पर हॉल बुक करना पड़ता है। हिंदी भाषी काफी समय से उत्तर भारतीय भवन की मांग कर रहे हैं। मनपा ने भी कई बार उत्तर भारतीय भवन के लिए बजट का प्रावधान किया। इतना ही नहीं भाजपा के हिंदी भाषिक प्रभाग के अध्यक्ष ने कई बार भाजपा विधायक कुमार आयलानी को इस संदर्भ में पत्र भी लिखा, इसके बावजूद भवन बनने के दूर-दूर तक कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं। उत्तर भारतीय भवन न बनने की वजह से उत्तर भारतीय समाज में विधायक कुमार आयलानी के प्रति गहरा आक्रोश दिखाई दे रहा है।
यह बात खुलकर रविवार को सामने आ गई, जब एक बैठक के दौरान कुमार आयलानी और भाजपा के ही उत्तर भारतीय नेताओं के बीच इस मुद्दे को लेकर नोक-झोंक की स्थिति पैदा हो गई। विधायक के टालमटोल वाले रवैये को देखते हुए वर्तमान उत्तर भारतीय मोर्चा के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा कि विधायक कई दिनों से केवल लॉलीपॉप दे रहे हैं। उत्तर भारतीय समाज के नेता उत्तर भारतीय भवन के लिए विगत दस वर्ष से पत्र-व्यवहार कर रहे हैं, लेकिन भवन के लिए सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है।
उत्तर भारतीय भवन को लेकर हिंदी भाषी फाउंडेशन के अध्यक्ष संतोष पांडेय द्वारा सर्वपक्षीय लोगों की तरफ से आयुक्त अजीज शेख समेत कुमार आयलानी से लेकर सभी राजनीतिक पार्टी के लोगों को पत्र दिया गया। इसके बावजूद किसी तरह का सार्थक कार्य नहीं किया गया। संतोष पांडेय ने यह भी बताया जाता कि भवन के लिए सुझाई गई जगह को जो शांति नगर नाले के बगल में स्थित थी, उसे मनपा से सांठगांठ कर शहर के किसी भूमाफिया ने हड़प ली। दस वर्ष से उत्तर भारतीय भवन के लिए किसी तरह का कदम न उठता देख संतोष पांडेय ने कुमार आयलानी को पक्षपाती विधायक बताया और कहा कि अबकी बार कुमार आयलानी उत्तर भारतीय समाज के आक्रोश का शिकार बनते दिखाई दे रहे हैं, ऐसा आरोप संतोष पांडेय ने लगाया है। कुमार आयलानी समेत मनपा आयुक्त अजीज शेख भी उत्तर भारतीय समाज के लिए भवन देने की मंशा साफ नहीं दिखाई दे रही है।