सामना संवाददाता / लखनऊ
यूपी भाजपा में हार पर रार जारी है। भाजपा के लिए सहयोगी दल ही सिरदर्द बने हुए हैं। इस बीच सहयोगी दल भी बीजेपी को टेंशन दे रहे हैं। उत्तर प्रदेश में बीजेपी लोकसभा चुनाव में कई सीटों पर हार की समीक्षा में जुटी है। बीजेपी लोकसभा चुनाव-२०१९ की ६२ सीटों के मुकाबले इस बार ३३ सीटें ही जीत पाई है। पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष ने दो दिन पार्टी नेताओं से हार का कारण समझने के लिए बैठक की थी।
बीजेपी के लिए सबसे बड़ी मुश्किल उसके सहयोगी दल भी बने हुए हैं। पिछले दिनों अपना दल, ओमप्रकाश राजभर और अनुप्रिया पटेल की ओर से इस तरह के बयान दिए गए, जिन्हें सबकुछ ठीक नहीं चलने का संकेत माना गया, जिसे लेकर बीजेपी की प्रदेश इकाई की ओर से पार्टी आलाकमान को भी अवगत कराया गया है।
अनुप्रिया पटेल का सीएम योगी को लेटर बम
लोकसभा चुनावों के दौरान उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सहयोगी रही अपना दल की अनुप्रिया पटेल फिलहाल केंद्रीय राज्यमंत्री हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को उनका लिखा पत्र बीजेपी के लिए दिक्कत बढ़ाता नजर आता है। अनुप्रिया पटेल ने पत्र लिखकर कहा है कि ओबीसी और एससी-एसटी वर्गों से आने वाले अभ्यर्थियों ने उनसे बार-बार यह शिकायत की है कि राज्य सरकार की ओर से कराई जानेवाली प्रतियोगी परीक्षाओं में केवल इंटरव्यू के द्वारा ही भर्ती की जाती है, लेकिन उन्हें मौका ही नहीं दिया जाता है। अनुप्रिया ने मांग की है कि आरक्षित पद सिर्फ उन श्रेणियों के लोगों को ही मिले, जिनके लिए यह बनाए गए हैं। चाहे इसके लिए जितनी भी बार नियुक्ति प्रक्रिया करनी पड़े।
राजभर ने भी साधा था निशाना
सुभासपा के चीफ ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर भी चुनाव हार गए थे। उनका बयान काफी चर्चित हुआ था कि अब चुनावों में मोदी-योगी की लोकप्रियता कम हो गई है। हालांकि वायरल वीडियो पर राजभर ने कहा था कि ऐसा नहीं है।