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गई शिवशाही आई गुंडाशाही! …शिंदे सरकार में महिलाएं और लड़कियां हो रही हैं गायब

– कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष आक्रामक
– विधानमंडल की सीढ़ियों पर विपक्ष का प्रदर्शन
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में कानून व्यवस्था राम भरोसे है। महिलाएं असुरक्षित हैं। ‘हिट एंड रन’ की घटनाएं बढ़ गई हैं, लेकिन सरकार इन घटनाओं को लेकर गंभीर नहीं है, इसलिए मानसून सत्र के ग्यारहवें दिन विपक्षी दल विधानमंडल में आक्रामक हो गया। विपक्षी दल के विधायक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
‘गई शिवशाही आई गुंडाशाही’ कहकर सरकार के खिलाफ महाविकास आघाड़ी के विधायकों ने विधानमंडल की सीढ़ी पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। ‘किसान विरोधी सरकार का धिक्कार है, गैंगस्टरों को बढ़ावा देने वाली सरकार का धिक्कार है’ महाविकास आघाड़ी के विधायकों ने विधान मंडल की सीढ़ियों पर आक्रामक तरीके से सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया और नारे लगाए।
महिला सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं, ट्रिपल इंजन सरकार की नीतियों का कोई पता नहीं, राज्य से महिलाएं, बच्चियां गायब हो रही हैं लोगों की बदनामी करना और कुचलना यह महायुति सरकार का धंधा आदि नारे लगाकर विरोधी दलों के विधायकों ने प्रदर्शन किया। राज्य की बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर हाथ में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

सरकार ने माना दूध में होती है मिलावट विधानसभा में विपक्ष आक्रामक!
दूध में मिलावट करने वालों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई सहित राज्य में दूध में हो रही मिलावट को लेकर कल विधानसभा में विपक्ष आक्रामक दिखाई दिया। विपक्ष की आक्रामकता को देखते हुए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने सदन को आश्वस्त किया कि दूध में मिलावट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि दूध में मिलावट करने वालों के खिलाफ फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है। विधानसभा से यह बिल पास होकर राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। दूध की मिलावट को लेकर फांसी की सजा को राष्ट्रपति मंजूरी देंगी, इसकी संभावना कम ही दिखाई दे रही है, क्योंकि दूध में मिलावट की तुलानात्मक सजा बहुत अधिक है।
उपमुख्यमंत्री पवार ने विधानसभा में आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इस बात को लेकर गंभीर है कि नागरिकों को गाय-भैंस का शुद्ध दूध मिले और दूध में मिलावट करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो। पवार ने कहा कि खाद्य और औषधि प्रशासन को दूध में मिलावट रोकने के लिए अत्याधुनिक तकनीक, मशीनरी और पर्याप्त जनशक्ति उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक धनराशि दी जाएगी। विधानसभा सदस्यों द्वारा पूछे गए दूध मिलावट संबंधी प्रश्न का उत्तर देते हुए अजीत पवार ने इस संबंध में की जा रही कार्रवाई की जानकारी सदन को दी।
उन्होंने कहा कि ग्राहकों को शुद्ध और मिलावट मुक्त दूध मिलना चाहिए। इस संबंध में सरकार गंभीर है और वित्त मंत्री की अध्यक्षता में, संबंधित मंत्रियों की उपस्थिति में खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग की बैठक की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान स्थिति में दूध उत्पादकों को उनके दूध का अच्छा-खासा दाम मिलने लगा है। इस समय झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों या अन्य अज्ञात स्थानों पर कुछ व्यक्तियों द्वारा मिलावट की जा रही है। महंगे ब्रांड के दूध के पैकेटों में पानी मिलाया जा रहा है, इंजेक्शन से मिलावट जैसी अनियमितताएं की जा रही हैं। ऐसे मिलावटी दूध से बीमारियां बढ़ने के साथ ही जान को खतरा हो सकता है। ये बातें अत्यंत गंभीर हैं और राज्य सरकार इस पर अत्यंत कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। इस संबंध में आवश्यक उपाय किए जाएंगे, ऐसी जानकारी पवार ने विधानसभा में दी।

राज्य को आर्थिक अराजकता की ओर ले जा रही है सरकार
प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने सरकार पर लगाया आरोप

सत्ता पक्ष हंगामा कर बिना चर्चा के ९४ हजार करोड़ की अनुपूरक मांगें की मंजूर
सामना संवाददाता / मुंबई
राकांपा (शरदचंद्र पवार) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि ९४ हजार करोड़ की अनुपूरक मांगों को बिना चर्चा के मंजूरी दे दी गई। सत्ता पक्ष ने सदन में हंगामा किया और सदन स्थगित कर महाराष्ट्र पर ९४ हजार करोड़ रुपए का नया बोझ लाद दिया है। उन्होंने सरकार की इस मनमानी के लिए तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार को यह मालूम था कि विरोधी दल इस पूरक मांगों को अस्वीकार कर देगा।
जयंत पाटील ने आगे कहा कि कल सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थाी। इससे पहले भी दो बैठकें हो चुकी हैं। महाविकास आघाड़ी के सभी घटक दलों ने बार-बार अपनी भूमिका स्पष्ट कर दी थी। मराठा और ओबीसी आरक्षण के संदर्भ में बैठक बुलाई गई थी। उम्मीद थी कि विधान परिषद और विधान सभा में विपक्षी दलों को ध्यान में रखते हुए ये बैठकें सर्वसम्मति से होंगी और बैठक को उचित स्वरूप दिया जाएगा। लेकिन सत्तारूढ़ दल कोई चर्चा नहीं की। सरकार ने मराठा और ओबीसी समुदाय के प्रतिनिधियों से बातचीत की। सरकार को इस बारे में कुछ निर्णय लेना चाहिए। बिना कोई ठोस निर्णय लिए यह शिकायत करने का कोई मतलब नहीं है कि विपक्ष बैठक में नहीं आया। पाटील ने कहा कि आपके पास २०६ विधायकों का बहुमत है, फिर सभागृह चलाते समय डरने की कोई बात नहीं है। जयंत पाटील ने आरोप लगाया कि कल अनुपूरक मांगों को गैरकानूनी तरीकों से मंजूर किया गया। उन्होंने कहा कि ६ लाख ७० हजार करोड़ का बजट पेश करने के बाद दूसरे मिनट में ९४ हजार करोड़ की अतिरिक्त पूरक मांगें पेश की गर्इं। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार की यह प्रवृत्ति महाराष्ट्र में वित्तीय अराजकता पैदा कर रही है।

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