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महाराष्ट्र में मौसमी बीमारियों का तिहरा अटैक … मलेरिया बन रहा मारक, डेंगू मार रहा डंक

-चुनौती खड़े कर रहा जीका
-फिर भी शिंदे सरकार है सोई
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में झमाझम बारिश हो रही है। यह बारिश कई तरह की मौसमी बीमारियों को भी अपने साथ लाई है। मौजूदा स्थिति ऐसी है कि महाराष्ट्र की जनता पर मौसमी बीमारियों का तिहरा अटैक हुआ है। एक तरफ जहां डेंगू डंक मार रहा है, तो वहीं मलेरिया भी मारक होता जा रहा है। इसके साथ ही अब जीका ने भी चुनौती खड़ी कर दी है। इसके बावजूद शिंदे सरकार न केवल सोई हुई है, बल्कि इस तिहरे अटैक को कंट्रोल करने में भी कोताही बरतती हुई दिखाई दे रही है।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में दमदार बारिश हो रही है। इसके साथ ही मच्छरजनित बीमारियां भी बढ़ने लगी हैं। इस वर्ष अब तक मलेरिया के ३,०६२, डेंगू के १,७५५ मामले सामने आए हैं। इस बीच जीका ने अब अपना सिर उठा लिया है। पुणे में जीका के मरीजों की संख्या १२ तक पहुंच गई है, जिनमें पांच गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, राज्य में मलेरिया के कुल रोगियों में से ८० फीसदी मरीज मुंबई और गढ़चिरौली जिलों से हैं। सबसे ज्यादा १,३२४ मरीज मुंबई, जबकि १,१४२ मरीज गढ़चिरौली जिले में सामने आए हैं। इन दोनों जिलों की तुलना में अन्य जिलों में मरीजों की संख्या कम है। पिछले साल राज्य में अब तक २,२३० मलेरिया के मरीज सामने आए थे। पिछले साल की तुलना में इस साल मलेरिया के मरीजों की संख्या में ४० फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

डेंगू मरीजों की संख्या में
डेढ़ गुना बढ़ोतरी
इस साल राज्य में डेंगू के १,७५५ मामले सामने आए हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या १,२३७ थी। इसके साथ ही डेंगू के १ लाख २७ हजार १४० संदिग्ध मामले पाए गए। पिछले साल इसी अवधि में यह संख्या ८१,७३१ थी। इस वर्ष निदान किए गए डेंगू मरीजों की संख्या १ हजार ७५५ है। इस साल मरीजों की संख्या पिछले साल से डेढ़ गुना ज्यादा है। राज्य में पालघर जिले में डेंगू के सबसे अधिक १७४ मामले हैं। उससे बाद कोल्हापुर में ११७, अकोला में ७१, नांदेड़ में ५८, सोलापुर में ५१ मरीज मिले हैं। राज्य के मनपाओं में मुंबई मनपा क्षेत्र में सबसे ज्यादा २८५ मरीज मिले हैं। उसके बाद नासिक मनपा क्षेत्र में ७९, कोल्हापुर मनपा क्षेत्र में ४५, सांगली मनपा क्षेत्र में ४१ और पनवेल मनपा क्षेत्र में ३८ मरीज मिले हैं।

जीका की चुनौती
पुणे में जीका के १२ मरीज मिले हैं। इनमें से पांच गर्भवती महिलाएं हैं। इस बीमारी का खतरा मुख्य रूप से गर्भवती महिला और उसके गर्भस्थ शिशु को होता है। पुणे के अलग-अलग हिस्सों में मरीज मिल रहे हैं। इसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने इस क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं की जांच का अभियान चलाया है। शहर के विभिन्न हिस्सों में जीका पैâलने से स्वास्थ्य प्रणाली को भी इसे रोकने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

सरकार है लापरवाह
बताया गया है कि मलेरिया के मरीज बढ़ने की आशंका है। राज्य में कुल मरीजों की संख्या का ३६ प्रतिशत गढ़चिरौली में पाए जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों ने मुंबई में कीटजनित बीमारियों की समीक्षा की थी। इसमें पता चला कि ये बीमारी भी बढ़ती जा रही है। इस पृष्ठभूमि में स्वास्थ्य विभाग ने मुंबई और गढ़चिरौली में मलेरिया के प्रसार को रोकने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाया है। इसके तहत स्थानीय प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा युद्धस्तर पर निवारक उपाय लागू किए जा रहे हैं।

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