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बाबा हैं कि मानते नहीं! … मुंबई हाई कोर्ट के आदेश का किया उल्लंघन तो लगा ५० लाख का दंड

– रोक के बाद भी दूसरी कंपनी के कॉपीराइट वाले कपूर बेच रही थी पतंजलि
सामना संवाददाता / मुंबई
बाबा रामदेव को बार-बार कोर्ट से फटकार सुनने को मिल रही है पर बाबा हैं कि मानते ही नहीं। अब मुंबई हाई कोर्ट ने बाबा पर ५० लाख का जुर्माना लगा दिया है। असल में बाबा ने कोर्ट का आदेश नहीं माना और एक कंपनी के कॉपीराइट वाले कपूर को अपनी कंपनी के नाम से बेच रहे थे। इससे नाराज हाई कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को ५० लाख रुपए जमा करने का आदेश दिया है।
बता दें कि मंगलम ऑर्गेनिक्स लि. ने दावा किया था कि पतंजलि उनके कपूर उत्पादों की कॉपीराइट का उल्लंघन कर रही है। अगस्त २०२३ में हाई कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश दिया था, जिसमें पतंजलि आयुर्वेद को अपने कपूर उत्पादों को बेचने से रोक दिया गया था। जस्टिस आरआई चागला की सिंगल बेंच ने कहा कि पतंजलि ने जून में दाखिल हलफनामे में माना है कि उसने पहले वाले आदेश का उल्लंघन किया है, जो कपूर उत्पादों की बिक्री को रोकने के लिए दिया गया था। जज चागला ने आदेश में कहा, ‘३० अगस्त २०२३ के कोर्ट के आदेश का लगातार उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।’ अदालत ने कहा कि अवमानना या आदेश तोड़ने के लिए आदेश पारित करने से पहले पतंजलि को ५० लाख रुपए जमा करने का निर्देश देना उचित होगा। हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई १९ जुलाई को तय की है। अगस्त २०२३ में हाई कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश दिया था, जिसके तहत पतंजलि को अपने कपूर उत्पादों को बेचने या उनका विज्ञापन करने से रोक दिया गया था। मंगलम ऑर्गेनिक्स नाम की कंपनी ने पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ मुकदमा दायर किया था, जिसमें दावा किया गया था कि पतंजलि उनके कपूर उत्पादों के कॉपीराइट का उल्लंघन कर रही है। बाद में मंगलम ऑर्गेनिक्स ने एक आवेदन दायर किया, जिसमें कहा गया था कि पतंजलि आदेश का उल्लंघन कर रही है, क्योंकि वह कपूर उत्पाद बेच रही है। हाई कोर्ट ने जून २०२४ में पतंजलि के डायरेक्टर रजनीश मिश्रा द्वारा दायर हलफनामे का संज्ञान लिया। हलफनामे में मिश्रा ने बिना किसी शर्त माफी मांगी और कहा कि वह हाई कोर्ट के आदेशों का पालन करेंगे।

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