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घाती सरकार की कर्ज लेने की प्रवृत्ति के कारण दिवालियापन के कगार पर राज्य -नाना पटोले

०८ लाख करोड़ रुपए का कर्ज चिंताजनक
टेंडर लो, कमीशन दो की नीति के कारण
वित्तीय स्थिति बदहाल
सामना संवाददाता / मुंबई
भ्रष्ट महायुति सरकार के अराजक प्रशासन की पोल नियंत्रक और महालेखा परीक्षक यानी कैग की रिपोर्ट ने खोल दी है। कैग के मुताबिक राज्य पर ८ लाख करोड़ रुपए का कर्ज चिंताजनक है। इसके बावजूद सरकार अतिरिक्त मांगों के लिए और कर्ज लेने का समर्थन कर रही है, लेकिन सीएजी ने सरकार को उसी तरह चेतावनी दी है जैसे विपक्षी दलों ने महाभ्रष्ट महायुति सरकार को चेतावनी दी थी, लेकिन महायुति सरकार इस चेतावनी को दरकिनार कर अपनी ही मस्ती में है। कैग ने राज्य की वित्तीय अनुशासनहीनता पर सवाल खड़े किए हैं। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने हमला बोलते हुए कहा है कि वित्तीय कुप्रबंधन के कारण महायुति गठबंधन सरकार दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई है।
सीएजी रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए पटोले ने कहा कि जब से राज्य में तीन दलों की महायुति सरकार सत्ता में आई है, सभी विभागों में भ्रष्टाचार का प्रसार बढ़ गया है। टेंडर लो, कमीशन दो, की नीति के तहत ठेकेदारों के करीबियों की जेबें भरने के लिए हजारों करोड़ रुपए की परियोजनाएं शुरू की गर्इं है, लेकिन इससे राज्य को फायदा होने की बजाय सरकार के दोस्तों को फायदा हुआ। पिछले दो साल में यह सरकार २.५ लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज ले चुकी है और राज्य पर ८ लाख करोड़ रुपए का कर्ज का बोझ है। ऋण का यह अनुपात सकल राजकोषीय आय का १८.७३ प्रतिशत है।

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