– मानधन न बढ़ाए जाने से जीना हुआ दुश्वार
– अब शुरू कर दिया असहयोग आंदोलन
सामना संवाददाता / मुंबई
पिछले ५२ दिनों तक राज्यव्यापी आंदोलन करनेवाली आंगनवाड़ी सेविकाओं का मानधन न बढ़ाए जाने से उनका जीना दुश्वार हो गया है। वे सरकार पर गुस्सा जाहिर करते हुए सीधे तौर पर कह रहीं हैं कि यह सरकार गरीबों की नहीं, बल्कि अडानी और अंबानी जैसे उद्यमियों की झोली भरने वाली है। इसीलिए उसके कानों तक हमारी पुकार नहीं पहुंच रही है। ऐसे में अब हमने सरकार के खिलाफ असहयोग आंदोलन शुरू कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत लगभग ७० हजार आशा सेविकाएं और साढ़े तीन हजार से अधिक समूह प्रवर्तक कार्यरत हैं। आशा सेविकाओं और समूह प्रवर्तकों ने मानधन में वृद्धि के अलावा विभिन्न मांगों को लेकर १८ अक्टूबर से लगातार ५२ दिन तक राज्यव्यापी हड़ताल की थी। हालांकि, घाती सरकार ने अभी तक मानधन में बढ़ोतरी को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। फिलहाल, इस पर ध्यान नहीं दिए जाने से आशा सेविकाओं और समूह प्रवर्तकों में गहरा आक्रोश है। महाराष्ट्र राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ के महासचिव बृजपाल सिंह ने कहा कि आंगनवाड़ी सेविकाओं का मानधन बहुत कम है। इतने कम मानधन में उनका और उनके परिवार का गुजारा बमुश्किल से हो पाता है। मानधन समेत अन्य मांगों पर यह सरकार अनदेखी कर रही है।
नहीं दी जाएगी काम की रिपोर्ट
सरकार की इस नीयत के खिलाफ आंगनवाड़ी सेविकाओं ने कल से ही असहयोग आंदोलन को शुरू कर दिया है। इसके तहत वे आंगनवाड़ी केंद्रों में पहुंचकर काम तो करेंगी, लेकिन मासिक रिपोर्ट नहीं देंगी। इतना ही नहीं मासिक सभा का वे बहिष्कार करेंगी। साथ ही राज्यभर में जिला परिषद और मुख्यमंत्री के साथ ही मंत्रियों के कार्यालयों पर तीव्र प्रदर्शन करेंगी।
-बृजपाल सिंह, महासचिव-महाराष्ट्र राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ