सामना संवाददाता / मुंबई
जोगेश्वरी-पूर्व के पूनम नगर में स्थित पीएमजीपी कॉलोनी को खतरनाक घोषित किया गया है। बारिश के मौसम में इमारतों के गिरने से जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए म्हाडा ने निवासियों से तत्काल कॉलोनी खाली करने का अनुरोध किया है। विशेष रूप से इन खतरनाक इमारतों में रहने वाले ९४२ परिवारों के लिए म्हाडा ने ट्रांजिट वैंâप की व्यवस्था की है। पूनम नगर की पीएमजीपी कॉलोनी १९९०-९२ में बनाई गई थी। २७,६२५ वर्ग मीटर के भूखंड पर फैली इस कॉलोनी में चार मंजिला १७ इमारतें हैं, जिनमें ९४२ आवासीय और ४२ गैर-आवासीय दुकानें हैं। इस कॉलोनी के पुनर्विकास के लिए संबंधित हाउसिंग सोसायटी ने श्रीपती रियल वेंचर्स एलएलपी नामक डेवलपर को नियुक्त किया था, लेकिन पिछले दस वर्षों में डेवलपर ने पुनर्विकास का कार्य नहीं किया। इसलिए इस डेवलपर की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया है।
नए डेवलपर की नियुक्ति
इस खतरनाक कॉलोनी के पुनर्विकास के लिए म्हाडा के मुंबई मंडल द्वारा कंस्ट्रक्शन और डेवलपमेंट पद्धति से नए डेवलपर की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जा रही है, ऐसी जानकारी म्हाडा ने दी है। इस प्रकार निवासियों की सुरक्षा के लिए म्हाडा ने तात्कालिक कदम उठाते हुए पुनर्वास और पुनर्विकास की प्रक्रिया तेज कर दी है।
स्ट्रक्चरल ऑडिट शुरू
पीएमजीपी कॉलोनी की इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट करने पर पाया गया कि ये इमारतें सी१ श्रेणी में आती हैं, जिसका मतलब है कि ये खतरनाक और रहने के लिए अनुपयुक्त हैं। इसलिए म्हाडा ने इन इमारतों को खाली करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। म्हाडा के मुंबई मंडल द्वारा खतरनाक हिस्सों में सपोर्ट लगाने और उखड़े हुए प्लास्टर को हटाने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। निवासियों से आग्रह किया गया है कि वे अपने घर खाली करके ट्रांजिट वैंâप में चले जाएं।