सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र की नौकरियां गुजरात जा रही हैं। एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस अथवा अजीत पवार इस बारे में बात करते नजर नहीं आ रहे हैं। लाड़ला भाई और लाड़ली बहन के लिए पैसे नहीं दे रहे थे। जब तक चुनाव है, तब तक ये पैसे देंगे। आगे कुछ कहना मुश्किल है। यह एक चुनावी फंडा है। हमारी भूमिका उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। नरेंद्र मोदी ८० करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दे रहे हैं, क्या यह गर्व की बात है? क्या लोगों को बेकार कर रहे हो? राज्य के किसानों के लिए योजनाएं क्यों नहीं हैं? नौकरी दो, रोजगार दो, आत्मनिर्भर बनाओ, लेकिन गुलाम क्यों बना रहे हो? इस तरह का सवाल करते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने भाजपा और महायुति पर जोरदार हमला किया।
‘एबीपी माझा’ न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में संजय राऊत ने कहा कि चुनाव पूर्व बजट में घोषणाओं और योजनाओं की बौछरें होती हैं। पांच साल तक कुछ नहीं करना है। इस बीच लोगों को टैक्स या अन्य माध्यमों से लूटना है और चुनाव आने पर रियायतें दी जाती हैं। यह राष्ट्रीय और राज्यस्तर के बजट में ऐसा ही होता है। ठीक इसी तरह महाराष्ट्र के बजट में कई घोषणाएं की गई, लेकिन इस राज्य पर आठ लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। संजय राऊत ने कहा कि प्रदेश में किसानों के सिर पर हजारों करोड़ का कर्ज है। इसके चलते प्रदेश में किसान आए दिन आत्महत्या कर रहे हैं। अकेले विदर्भ के अमरावती में ढाई साल में २,००० से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की। उन किसानों के लिए मेरे लाडले किसानों, किसान परिवारों को गारंटी मूल्य चाहिए। दूध, प्याज और कृषि उपज के लिए कोई योजनाएं नहीं हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव में पैसों की बारिश हुई और सीधे तौर पर वोटरों को खरीदने की कोशिश की गई। शिंदे गुट के जो लोग जीते हैं, उनके निर्वाचन क्षेत्रों में कम से कम तीन से चार लाख वोट २ हजार, ५ हजार और १० हजार के रेट कार्ड से खरीदे गए। कोकण में नारायण राणे के खिलाफ विनायक राऊत सबूत के साथ कोर्ट में गए हैं। यही रवींद्र वायकर के खिलाफ भी हुआ है। इस तरह पैसा बांटने की बजाय आप रोजगार दीजिए। संजय राऊत ने कहा कि युवाओं को रोजगार चाहिए, नौकरी चाहिए।
कर्नाटक में भूमिपुत्रों को सी और डी श्रेणी की नौकरियां मिलेंगी। उसमें कहां चूक हुई? इसी मुद्दे पर महाराष्ट्र में शिवसेना का गठन हुआ। भूमिपुत्रों को न्याय मिलना चाहिए। मराठी लोगों को न्याय मिलना चाहिए। मुंबई में नौकरियों में मराठी युवाओं को ८० फीसदी हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। यह हिंदुहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे का एल्गार था और वही शिवसेना के गठन की चिंगारी थी। भूमिपुत्रों के खिलाफ अन्याय की पहली चिंगारी शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने महाराष्ट्र में जलाई थी और फिर इसकी आग पूरे देश में भड़क उठी। उस समय लोगों ने शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे पर प्रांतवादी होने का आरोप लगाया। लेकिन आज हर राज्य में भूमिपुत्रों के न्याय अधिकार के लिए कानून बनाए जा रहे हैं। सारा श्रेय शिवसेना को जाता है। संजय राऊत ने कहा कि लेकिन दुर्भाग्य से महाराष्ट्र में ऐसा नहीं हो रहा है।
खरीदे गए लाखों वोट
संजय राऊत ने कहा कि मूलत: एकनाथ शिंदे और अजीत पवार के बीच जनमत ही नहीं है। एकनाथ शिंदे ने लोकसभा में ६-७ सीटें जीतीं, वो वोट उनका नहीं है। भाजपा ने पूरी तरह से उन्हें वोट दिया है। शिवसेना को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में लाखों वोट मिले हैं। धनुष-बाण के गफलत के कारण कुछ स्थानों पर हमारी पराजय हुई। यह भ्रम पैदा करने के लिए बेईमान गुट को धनुष-बाण दे दिए गए। लाखों वोट खरीदे गए। वोट खरीदकर चुनाव जीतने की पद्धति इसी राज्य में शुरू की गई। यह भ्रष्टाचार है। संजय राऊत ने कहा कि अगर संघ परिवार इस पर सहमत है तो उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए।
भाजपा का श्रेय लेने की जल्दबाजी
संजय राऊत ने कहा कि भाजपा श्रेय लेने की जल्दी में है, यही स्थिति पूरे देश में है। कांग्रेस शासनकाल में देश में कई परियोजनाएं शुरू की गर्इं। अपने आप को बताएं कि आप किसके लिए खड़े हैं। भाजपा श्रेय लेने की आदी है। सांसद संजय राऊत ने कहा कि इसका इलाज किसी भी नशामुक्ति केंद्र में नहीं हो सकता। मुंबई में २४ जुलाई से अंडरग्राउंड ट्रेन चलेगी। यह जानकारी भाजपा महासचिव विनोद तावड़े ने ट्वीट कर दी। उन्होंने इसकी कड़ी आलोचना की।