-मनपा का अतिक्रमण विभाग, प्रभाग अधिकारी हर साल मानसून में नोटिस देकर पूरी कर लेते हैं अपनी ड्यूटी
अनिल मिश्रा / उल्हासनगर
देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेघरों के लिए आवास योजना फेल है, जिसकी मिशाल यह है कि राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के जिले में उल्हासनगर मनपा में प्रधानमंत्री आवास योजना फेल होने के कारण सैकडों गरीब बेघर परिवार को सुरक्षित घर न मिल पाने के कारण वालधुनी नदी के तट पर घर बना कर रहने को मजबूर रहना पड़ रहा है। वालधुनी नदी के तट पर रहने वाले लोगों का घर हर वर्ष पानी में चला जाता है। घरेलू सामग्री बर्बाद हो जाती है। सरकार की तरफ से मिलने वाली राहत राशि के लिए हर साल तहसीलदार कार्यालय पर धरना-मोर्चा निकालना पड़ता है।
बता दें कि उल्हासनगर के बीच से बहने वाली वालधुनी नदी कैंप नंबर तीन से बहती है। वालधुनी नदी के जल प्रकोप से सम्राट अशोक नगर, रेणुका सोसायटी, वडोल गांव, आशीर्वाद सोसायटी, संजय गांधी नगर, अयोध्या नगर , शांति नगर, हीराघाट, क्रांति नगर, करोतियां नगर जैसे कई शहरी इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया था। तेज मानसूनी पानी के चलते लोगों की गृहस्थी को भी नुकसान पहुंचता है। नदी के किनारे डूबने वाले को सुरक्षित जगह पर हटाने की जवाबदारी प्रभाग समिति तीन व अतिक्रमण निर्मूलन विभाग को दिया गया है। दोनों ही विभाग नोटिस देकर अपनी ड्यूटी पूरी कर लेते हैं।
उल्हासनगर मनपा के अतिक्रमण निर्मूलन विभाग के सहायक आयुक्त गणेश शिंपी का कहना है कि वालधुनी नदी का बाढ़ग्रस्त इलाका चिन्हित नहीं किया जा सका है। तेज मानसून या फिर बारवी जलाशय का गेट खुलने की सूचना विभाग द्वारा देने पर सुरक्षित विद्यालय में रखते हैं।