सामना संवाददाता / नई दिल्ली
उत्तराखंड में ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर रुद्रप्रयाग के निकट नरकोटा में निर्माणाधीन उत्तराखंड के पहले सिग्नेचर ब्रिज का एक छोर धराशायी हो गया है। गनीमत यह रही कि जिस समय पुल गिरा, उस समय कोई भी मजदूर साइड पर कार्य नहीं कर रहा था। वरना एक बड़ा हादसा हो सकता था। रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने इस घटना में जांच के आदेश दे दिए हैं। दरअसल, ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर रुद्रप्रयाग के निकट नरकोटा में ऑल वेदर परियोजना के तहत लगभग ६६ करोड़ की लागत से ११० मीटर लंबाई वाले सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। उत्तराखंड का नरकोटा में यह पहला सिग्नेचर व्रिज बन रहा है। २०२१ से इस पुल का निर्माण कार्य चल रहा है। २०२२ में भी इस का बेस गिर गया था और हादसे में ३ मजदूरों की मौत हो गई थी। इसके बाद पुल निर्माण कार्य ने तेज गति पकड़ी और इस वर्ष मई माह तक पुल का निर्माण कार्य पूर्ण होना था, लेकिन नहीं हो पाया। पुल का निर्माण कार्य लगातार चल रहा था, लेकिन गुरुवार (१८ जुलाई) दोपहर को अचानक पुल के एक छोर का टॉवर धराशायी हो गया। हादसे के समय कोई भी मजदूर पुल पर कार्य नहीं कर रहा था।