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साइबर पुलिस स्टेशन के अभाव में ठाणे में बढ़ रहे हैं साइबर अपराध!

सामना संवाददाता / ठाणे
ऑनलाइन फर्जीवाड़े को लेकर ठाणेकर काफी परेशान हैं। उनकी इस परेशानी को हल करनेवाला भी कोई नहीं है, क्योंकि ठाणे पुलिस इन फर्जीवाड़ों पर लगाम कसने में असफल साबित हो रही है। ऑनलाइन ठगों से ठाणेकरों को बचाने और उनकी लूट को रोकने के लिए ठाणे शहर को अब मुंबई की तर्ज पर साइबर पुलिस स्टेशन की जरूरत महसूस होने लगी है। सूत्रों की मानें तो ठाणे कमिश्नरेट में हर दिन आठ से दस ऑनलाइन ठगी की वारदातें सामने आ रही हैं, इसलिए मांग की जा रही है कि ऐसी घटनाओं की त्वरित जांच के लिए मुंबई की तर्ज पर ठाणे में भी एक अलग साइबर पुलिस स्टेशन बनाया जाना चाहिए। बढ़ती आबादी और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के कारण पढ़े-लिखे भी साइबर क्राइम का शिकार हो रहे हैं। ठाणे शहर पुलिस आयुक्तालय में वर्तमान में केवल एक साइबर विभाग है। स्टाफ और उपकरणों की भी कमी है। हाल ही में मुंबई के बीकेसी में साइबर पुलिस स्टेशन शुरू हुआ। इसी तर्ज पर हर सर्किल में एक-एक पांच साइबर पुलिस की जरूरत है। बता दें कि अतिरिक्त लाभ का लालच देकर एक निजी कंपनी के अधिकारी से १३ लाख रुपए और शेयर बाजार में निवेश का लालच देकर एक सेवानिवृत्त अधिकारी से २५ लाख रुपए ठगी करने के मामले हाल ही में सामने आ चुके हैं। ठाणे की एक निजी कंपनी के अधिकारी को एक अनजान सोर्स से टेलीग्राम का लिंक आया। उस लिंक में अतिरिक्त आय कमाने का दावा किया गया था। व्यक्ति ने शुरू में निवेश कर पैसे भी कमाए। इसी तरह से उसने कुल १२ लाख रुपए निवेश कर दिए। एक दिन पता चला कि कंपनी फर्जी थी, जो बंद हो गई है।

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