सामना संवाददाता / नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट चुनावी बॉन्ड में गड़बड़ी की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है। शीर्ष अदालत इस मामले में २२ जुलाई को सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने १५ फरवरी को इस योजना को रद्द कर दिया था, क्योंकि इस योजना में राजनीतिक चंदे को पूरी तरह से छिपाकर रखा गया था। सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि मामले पर अगले सप्ताह सोमवार को सुनवाई होगी। इससे पहले याचिकाकर्ता गैर-लाभकारी संगठनों कॉमन कॉज और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने इस मामले का उल्लेख किया था। भूषण ने बताया कि एनजीओ द्वारा दायर याचिकाओं पर अभी सुनवाई होनी है, जबकि आरटीआई कार्यकर्ता सुदीप तमंकर की इसी तरह की याचिका शुक्रवार को सूचीबद्ध की गई है। तमंकर का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने कहा कि अगर उनकी याचिका भी दूसरी याचिका के साथ २२ जुलाई को सूचीबद्ध की जाती है तो उन्हें कोई समस्या नहीं है। जवाब में सीजेआई ने कहा कि तो मामले की सुनावई २२ जुलाई को होगी। गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) द्वारा दायर जनहित याचिका में राजनीतिक दलों, निगमों और जांच एजेंसियों के बीच ‘स्पष्ट रूप से लेन-देन’ का आरोप लगाया गया है। इसे घोटाला करार देते हुए याचिका में अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई कि वे फर्जी कंपनियों और घाटे में चल रही कंपनियों के वित्तपोषण के स्रोत की जांच करें, जिन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों को चंदा दिया, जैसा कि चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है।