सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य की महायुति सरकार ने धारावी की सारी जमीन अडानी को देने का फैसला करने के बाद अब वर्ली में दूध डेयरी की करोड़ों रुपए की जमीन भी अपने कारोबारी मित्र को देने की कोशिश कर रही है। मुंबई में सभी भूमि अधिकार अडानी को देने का निर्देश केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के माध्यम से राज्य सरकार को आता है और भ्रष्ट महायुति गठबंधन सरकार इसका पालन कर रही है, यह आरोप महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने लगाया। इसके साथ ही उन्होंने सरकार को चुनौती देते हुए कहा है कि मुंबई के साथ-साथ महाराष्ट्र को गुजरात के हाथों बेचने की कोशिश को कांग्रेस कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि धारावी पुनर्वास परियोजना का टेंडर दुबई की एक कंपनी को दिया गया था, लेकिन बाद में इसे रद्द कर अडानी को दे दिया गया। राज्य की महायुति सरकार सिर्फ गुजरात के कहने पर काम कर रही है। लेकिन मुंबई के साथ महाराष्ट्र को गुजरात के हाथों बेचने की केंद्र सरकार के इशारे पर शिंदे सरकार की कोशिश को कांग्रेस कभी साकार नहीं होने देगी। महायुति सरकार के इस रवैए को लेकर राज्य की जनता में काफी विरोध है। पटोले ने कहा कि महायुति सरकार ने छत्रपति शिवाजी महाराज के वाघनख को लंदन से वापस लाए जाने के कार्यक्रम को बड़े ताम-झाम के साथ आयोजित किया, लेकिन ये वाघनख महाराज के नहीं हैं। इतिहासकार इंद्रजीत सावंत ने लंदन संग्रहालय को एक पत्र भेजा और संग्रहालय ने इसे स्पष्ट किया है। इसके बावजूद महायुति सरकार ने जनता का पैसा खर्च कर जश्न मनाया।
वर्ष २०१७ में अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज का भव्य स्मारक बनाने और जल पूजा करने की घोषणा की थी, उनका स्मारक अब तक पूरा नहीं हो सका है। ये लोग शिवाजी महाराज का अपमान करने में सबसे आगे रहे हैं।