सामना संवाददाता / कल्याण
केडीएमसी प्रशासन ने बिना जांच-पड़ताल के निर्मल सेवा महिला संस्था के ईटिंग हाउस पर कार्रवाई कर उसे ध्वस्त कर दिया, जबकि केडीएमसी प्रशासन ने ही साल 2011 में इस ईटिंग हाउस के लिए परमीशन दी थी।
1995 में गठबंधन सरकार के दौरान झुणका भाकर केंद्र योजना शुरू की गई थी, जो बाद में बंद हो गई। इसके बाद कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका ने निर्मल सेवा महिला संस्था को भोजनालय शुरू करने की अनुमति दी थी। संस्था केडीएमसी को समय-समय पर संपत्ति कर का भुगतान भी करती रही है। संस्था की अध्यक्षा नीरजा मिश्रा ने बताया कि महापालिका प्रशासन ने मार्च 2024 तक का संपत्ति कर वसूल लिया था और उनकी अनुपस्थिति में महिला कर्मचारी को नोटिस देकर ईटिंग हाउस को तोड़ दिया। उन्होंने केडीएमसी प्रशासन से मुआवजे की मांग करते हुए राज्य के लोक निर्माण मंत्री रविंद्र चव्हाण से शिकायत की है।
केडीएमसी की इस कार्रवाई से वहां काम करने वाले पांच कर्मचारियों पर भुखमरी की नौबत आ गई है।
लोक निर्माण मंत्री ने मांगा जवाब
संस्था की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए राज्य के लोक निर्माण मंत्री रविंद्र चव्हाण ने केडीएमसी कमिश्नर को पत्र लिखकर जवाब मांगा है। उन्होंने इस कार्रवाई की वजह और इसके पीछे की परिस्थितियों की जांच करने के निर्देश दिए हैं।