रामदिनेश यादव / मुंबई
केंद्र की मोदी सरकार महंगाई को रोकने के बजाय बढ़ाने में ज्यादा रूचि ले रही है। यह सरकार एक तरफ गरीबों की बात करेगी लेकिन दूसरी तरफ पैâसले उद्योगपतियों के पक्ष में ले रही है, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को बजट पेश करने के दौरान की गई घोषणा से मोबाइल यूजर्स के माथे पर पसीना आ गया। दरअसल बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि टेलीकॉम सेक्टर में लगाने वाले उपकरणों की प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (पीसीबीए) पर शुल्क १० प्रतिशत से बढ़ाकर १५ प्रतिशत कर दिया गया है। उनके इतना कहने से ही मोबाइल यूजर्स की चिंताएं बढ़ गई हैं। क्योंकि इसका सीधा असर मोबाइल उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। कंपनियां इस कर को वसूलने मोबाइल यूजर्स से वसूलेंगी। इसके लिए मोबाइल रिचार्ज में फिर से वृद्धि तय मानी जा रही है।
५ जी की सेवा होगी धीमी
पीसीबीए पर ड्यूटी बढ़ने से टेलीकॉम इक्विपमेंट की कीमत बढ़ सकती है। ऐसे में टेलीकॉम कंपनियां एक बार फिर शॉर्ट टर्म के लिए रिचार्ज प्लान महंगे कर सकती हैं। इतना ही नहीं, यह ५जी रोल आउट को भी धीमी कर दिया जाएगा ऐसा अनुमान है।
महंगे होंगे टैरिफ प्लान !
दूरसंचार उपकरणों की लागत में वृद्धि के कारण दूरसंचार ऑपरेटरों को अधिक परिचालन लागत का भुगतान करना होगा। परिणामस्वरूप, ग्राहकों को उच्च सेवा शुल्क या महंगी टैरिफ योजनाओं का सामना करना पड़ सकता है। पीसीबीए में वृद्धि भारत में दूरसंचार क्षेत्र के नेटवर्क विस्तार पर भी असर डाल सकती है। क्योंकि नेटवर्क विस्तार का काम महंगा होगा।