सामना संवाददाता / मुंबई
मंगलवार को वित्त मंत्री सीतारमण ने लोकसभा में केंद्र सरकार का बजट पेश किया। महंगाई से परेशान लोगों को इस बजट से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन लोगों के हाथ निराशा ही लगी। देश की आर्थिक राजधानी कही जानी वाली मुंबई को बजट से काफी उम्मीदे थीं। मुंबईकर टकटकी लगाए बैठे थे कि वित्त मंत्री उनके लिए कुछ घोषणा करेंगी, लेकिन समय बीतता गया और लोगों की उम्मीदें टूटती गर्इं। आइए जानते हैं मुंबईकरों ने बजट पर क्या प्रतिक्रिया दी।
चंद दिनों की है भाजपा सरकार
बजट में आम जनता को कुछ नहीं मिला? वित्त मंत्री ने फिर झुनझुना थमा दिया। लोग पहले से ही महंगाई से त्रस्त हैं। न तो महंगाई कम करने के प्रयास हुए हैं, न ही नौकरीपेशा वर्ग को राहत दी गई है। भाजपा लोकसभा में हारते-हारते बची है। यह चंद दिनों की सरकार है, अब इनसे कुछ उम्मीद भी नहीं है।
कर्ण चौधरी, मुंबई
आम आदमी को कोई राहत नहीं
मोदी ३.० सरकार के पहले आम बजट में मिडिल क्लास को इनकम टैक्स स्लैब में छूट की आस थी, लेकिन वह पूरी नहीं हुई। यह बजट कागजों पर तो ठीक लगता होगा, लेकिन जमीनी स्तर पर इससे आम आदमी को कोई राहत मिलती नहीं दिखाई देती।
– राजेंद्र मेहता, अध्यक्ष, आरजू स्वाभिमान नागरिक समिति
अमीर वर्ग का बजट
बजट को चुनावी फायदे के लिए नहीं बल्कि सबके फायदे के लिए बनाना था, लेकिन मोदी सरकार ऐसा करने में नाकामयाब रही। शिक्षा सस्ती होनी चाहिए, महंगाई कम होनी चाहिए, मूलभूत सुविधाओं पर पैसा खर्च करना चाहिए था।
एड.सरिता खानचंदानी
लंगड़ी सरकार को बचाने वाला बजट
बजट पेश करके आम आदमी के साथ केंद्र सरकार ने खिलवाड़ किया है। इनकम टैक्स के स्लैब में जिस बदलाव की आशा थी, उसे पूरा नहीं किया गया है। बजट में महाराष्ट्र का जिक्र तक नहीं किया गया है। बजट का पूरा फोकस बिहार और आंध्र प्रदेश की तरफ है। इससे पता चलता है कि भाजपा ने अपनी लंगड़ी सरकार को बचाने वाला बजट पेश किया है।
आशीष कुमार, मुंबई