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‘लापता लेडीज’…महाराष्ट्र में ३ साल में १ लाख महिलाएं गायब…तलाश के लिए हाई कोर्ट में याचिका

सामना संवाददाता / मुंबई

मुंबई हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर दावा किया गया है कि वर्ष २०१९ से लेकर २०२१ के बीच राज्य में करीब एक लाख महिलाएं लापता हो गई हैं। साथ ही याचिकाकर्ता ने यह भी मांग की है कि पुलिस को इन महिलाओं का पता लगाने के लिए एक प्रभावी तंत्र स्थापित करने का आदेश दिया जाना चाहिए।
क्या है मामला?
सरकार के कोषागार विभाग में काम करनेवाले सांगली के शाहजी जगताप ने यह जनहित याचिका दायर की है। बताया जाता है कि जगताप की बेटी दिसंबर २०२१ में ग्रेजुएशन (विज्ञान) के तीसरे वर्ष में पढ़ाई के दौरान अचानक लापता हो गई थी। जगताप ने सांगली के संजय नगर पुलिस स्टेशन में लड़की के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, पुलिस उनकी बेटी का पता नहीं लगा पाई है।
परिवार को उठानी पड़ी परेशानी
जगताप ने याचिका में यह भी कहा है कि उसे आज तक नहीं पता कि वह कहां है और उसने अपने परिवार से रिश्ता क्यों तोड़ा। यही नहीं जगताप ने पुलिस पर भी ढिलाई बरतने का आरोप लगाया। जगताप ने याचिका में यह भी दावा किया है कि पिछले कुछ सालों में उसकी तलाश करते समय उसके परिवार को काफी परेशानी उठानी पड़ी है और परिवार को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
अधिकारियों का रवैया बहुत लापरवाही भरा 
याचिकाकर्ता द्वारा याचिका में यह भी बताया गया है कि वर्ष २०१९ में ३५ हजार ९९०, २०२० में ३० हजार ०८९ और २०२१ में ३४ हजार ७६३ महिलाएं लापता बताई गई हैं और उनका अभी तक पता नहीं चल पाया है। याचिकाकर्ता ने वकील मंजरी परसानीस के माध्यम से आरोप लगाया है कि महिलाओं के लापता होने को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट ने २००२ में इस मुद्दे पर कुछ आदेश पारित किए थे, लेकिन तब भी इस मुद्दे पर अधिकारियों का रवैया बहुत लापरवाही भरा था।

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